अंतिम प्रक्रिया के तहत सभी पेड़ों की हैमरिंग रिपोर्ट भेजना जरूरी
बिलासपुर,ब्यूरो रिपोर्ट
बहुप्रतीक्षित नौणी-भराड़ीघाट फोरलेन का निर्माण कार्य इसी माह शुरू हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने परियोजना के तहत आने वाले पेड़ों की हैमरिंग (निशान लगाने की प्रक्रिया) शुरू कर दी है, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट केंद्रीय वन मंत्रालय को भेजी जाएगी।
मंत्रालय पहले ही इस परियोजना के लिए अनुमति दे चुका है, लेकिन अंतिम प्रक्रिया के तहत सभी पेड़ों की हैमरिंग रिपोर्ट भेजना जरूरी होता है। इसके पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।नौणी-भराड़ीघाट फोरलेन की जद में 4200 बिना फलदार और 400 फलदार पेड़ आ रहे हैं, जिन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है। इस 17.5 किलोमीटर लंबे पैच के निर्माण पर 640 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह टेंडर एक साल पहले ही जारी हो चुका था, लेकिन केंद्रीय वन मंत्रालय की अनुमति न मिलने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया। अब जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं, तो एनएचएआई ने इसी महीने से कार्य शुरू करने का लक्ष्य तय किया है।
इसके अलावा भराड़ीघाट-शालाघाट 12.5 किलोमीटर फोरलेन के लिए 800 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। मार्च में इस परियोजना का टेंडर अवार्ड करने का लक्ष्य था, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। अब मई में इसका टेंडर होने की संभावना है, जिसे दिल्ली स्थित एनएचएआई मुख्यालय से मंजूरी दी जाएगी।हमीरपुर-घुमारवीं और शालाघाट-तारादेवी फोरलेन की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की प्रक्रिया भी जारी है। इन दोनों परियोजनाओं की टेंडरिंग प्रक्रिया 2025-26 के वित्त वर्ष में पूरी की जाएगी।नौणी-भराड़ीघाट फोरलेन का कार्य इसी महीने शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही भराड़ीघाट-शालाघाट फोरलेन का टेंडर मई में जारी होने की पूरी संभावना है, क्योंकि इससे जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
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