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अनोखी और दुर्लभ प्रजाति चंबा सेक्रेड लंगूर विलुप्त होने के कगार में

                                                              महज 250 ही बचे, संरक्षण की मुहिम शुरू

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में पाई जाने वाली दुनिया की अनोखी और दुर्लभ प्रजाति चंबा सेक्रेड लंगूर (चंबा पवित्र लंगूर) के विलुप्त होने के खतरा मंडराने लगा है। हाल ही में करवाई गई गणना में पाया गया कि जिले में इस प्रजाति के केवल 250 लंगूर ही बचे हैं। 

लगातार घटती संख्या को देखते हुए वन विभाग ने इनके संरक्षण को लेकर विशेष अभियान शुरू किया है। वन विभाग जंगलों से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है। उन्हें समझाया जा रहा है कि यह लंगूर प्रजाति न केवल चंबा की बल्कि पूरी दुनिया की प्राकृतिक धरोहर है, जिसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी हालत में इन लंगूरों को नुकसान न पहुंचाएं और इनके प्राकृतिक आवास की रक्षा करें। लंगूर की सात प्रमुख प्रजातियों में चंबा सेक्रेड लंगूर सबसे अलग है। इसे हिमालयन ग्रे लंगूर भी कहा जाता है। इस प्रजाति को हिमालयन ग्रे लंगूर भी कहा जाता है। इसके शरीर पर ग्रे रंग के बाल होते हैं और इसकी लंबी पूंछ इसे अन्य लंगूरों से अलग पहचान देती है। 


हालांकि कुछ विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इनकी मौजूदगी कश्मीर और पाकिस्तान की वादियों में भी हो सकती है, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। फिलहाल, चंबा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में ही यह प्रजाति सुरक्षित देखी जा रही है।चंबा सेक्रेड लंगूर मुख्यतः फल, बीज, फूल, जड़ें, छाल और कलियां खाते हैं। अपने भोजन के लिए ये जंगलों में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं। इनकी भोजन संबंधी आदतें भी इन्हें अन्य लंगूर प्रजातियों से अलग करती हैं।चंबा सेक्रेड लंगूर पूरी दुनिया में केवल चंबा जिले में पाया जाता है। इसकी संख्या काफी घट चुकी है। ऐसे में वन विभाग इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। स्थानीय लोगों को भी इस मुहिम में शामिल किया जा रहा है ताकि हम मिलकर इस अनमोल धरोहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकें।




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