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तारादेवी-शिमला रोपवे बनाने के लिए हैदराबाद और कोलकाता की दो कंपनियां आगे आईं

                            कंपनियों की ओर से की गई बिड का तकनीकी मूल्यांकन शुरू कर दिया 

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

तारादेवी-शिमला रोपवे बनाने के लिए हैदराबाद और कोलकाता की दो कंपनियां आगे आईं हैं। रोपवे कॉरपोरेशन ने कंपनियों की ओर से की गई बिड का तकनीकी मूल्यांकन शुरू कर दिया है। 

कॉरपोरेशन के मुताबिक मूल्यांकन का काम पूरा होने के बाद इसे नेशनल डेवलपमेंट बैंक को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। केंद्र और प्रदेश सरकार से मंजूरी के बाद रोपवे निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।तारादेवी-शिमला रोपवे के बनने पर शहर के हजारों लोगों को ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। रोपवे में 13 स्टेशनों के अलावा विक्ट्री टनल के समीप टर्निंग प्वाइंट भी विकसित किया जाएगा। 13.79 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण कार्य 2025 में शुरू करने और वर्ष 2029 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पहला चरण शुरू होते ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। निर्माण पर 1,734 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। रोपवे कॉरपोरशन के डीजीएम मुनीष साहनी ने बताया कि तारादेवी शिमला रोपवे के लिए दो कंपनियों ने बिड की है। 


कॉरपोरेशन ने इसका तकनीकी मूल्यांकन शुरू कर दिया है।तारादेवी-शिमला रोपवे का निर्माण शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए लिया गया है। रोपवे का पहला स्टेशन तारादेवी में बनाया जाएगा और यह पूरे शहर को कवर करेगा। रोपवे में तारादेवी, चक्कर, टुटीकंडी पार्किंग, रेलवे स्टेशन, पुराना बस स्टैंड, 103 टनल, टनल आईसीआर, लिफ्ट, विक्ट्री टनल, आईजीएमसी, संजाैली, नवबहार और राज्य सचिवालय में स्टेशन विकसित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार के मुताबिक रोपवे में 660 ट्राॅली चलाने का लक्ष्य रखा गया है। इनके माध्यम से एक घंटे में छह हजार लोग सफर कर सकेंगे।तारादेवी-शिमला रोपेव बनाने के लिए दो बड़ी कंपनियां आगे आई हैं। रोपवे कॉरपोरेशन इनके आए आवेदनों का तकनीकी मूल्यांकन कर रहा है। इसके बाद प्रस्ताव को नेशनल डेवलपमेंट को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।





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