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जवाब दायर नहीं करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी

                                    हाईकोर्ट में तय समय पर जवाब न देने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में लगे मामलों का तय समय पर जवाब दायर नहीं करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सभी प्रशासनिक सचिवों को कोर्ट के आदेशों की अनुपालना गंभीरता से करने के निर्देश जारी किए हैं। 

समय से जवाब दाखिल नहीं होने पर हाईकोर्ट ने बीते दिनों सरकार को फटकार लगाई थी। कहा था, इस तरह की देरी से वादियों को परेशानी पेश आती है, मामले भी लंबित होते हैं। इसी कड़ी में अब प्रशासनिक सुधार विभाग के माध्यम से सभी सचिवों को कोर्ट से जुड़े मामलों को गंभीरता से लेने को कहा गया है।हाईकोर्ट ने लंबित मुकदमों में राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने में देरी को गंभीरता से लिया है। 28 मार्च को सिविल रिट याचिका (सीडब्ल्यूपी) संख्या 1511/2024 की सुनवाई के दौरान यह मामला उठा था। कोर्ट ने पाया कि सरकारी विभागों से जुड़े कई मामलों में अकसर समय पर जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं। कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों का जवाब देते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव ने राज्य सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों को औपचारिक रूप से मामले की जानकारी दी है, जिसमें कानूनी कार्यवाही में प्रणालीगत सुधारों और समय पर अनुपालन की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है। 


आधिकारिक पत्र में अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से एक और दो अप्रैल को लिखे गए दो पत्र भी शामिल किए गए हैं। इनमें न्यायालय की टिप्पणियों और अपेक्षाओं को बताया गया है।हाईकोर्ट ने कथित तौर पर कानूनी मामलों में जवाब प्रस्तुत करने में देरी पर चिंता जताते हुए इसे एक ऐसी प्रथा करार दिया है, जो न्याय प्रदान करने में बाधा डालती है और प्रशासन में जनता का विश्वास खत्म करती है। न्यायालय के निर्देश में कहा गया है कि इस मुद्दे को उचित और तत्काल कार्रवाई के लिए सभी प्रशासनिक विभागों के तुरंत ध्यान में लाया जाना चाहिए। ऐसे में मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में विभागों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कानूनी झटकों और आगे की न्यायिक चेतावनी से बचने के लिए अदालती मामलों के जवाब निर्धारित समयसीमा के भीतर दाखिल किए जाएं। प्रत्येक विभाग में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए जो कानूनी मामलों की देखरेख और अदालत द्वारा अनिवार्य समयसीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होगा।




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