फोन में डाउनलोड एप से ठगों की आप पर नजर
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
एंड्रॉयड फोन हाथ में आने से हर व्यक्ति की पहुंच बढ़ गई है, लेकिन इससे लोग साइबर ठगों के निशाने पर भी आ गए हैं। मोबाइल में डाउनलोड एप से भी ठग आप पर नजर रख रहे हैं।
सर्च इंजन से भी आपको ट्रैक किया जा रहा है।साइबर अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि ठगों के पास लोगों के नाम-पते के साथ उनका ईमेल आईडी, फोन व आधार नंबर ही नहीं, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेडकार्ड का सीरियल नंबर और सीवीवी नंबर जैसी निजी जानकारियां भी हैं। ये सूचनाएं साइबर अपराधी बैंकों, फोन में डाउनलोड एप और शॉपिंग साइटों से हासिल कर रहे हैं। यही नहीं, साइबर ठग ब्राउजर में सेव ऑटो फिल डाटा भी चुरा रहे हैं। ऐसे में जब साइबर अपराधी सीबीआई, ईडी और कस्टम विभाग समेत बैंक अधिकारी बनकर फोन करते हैं तो लोग उनके पास मौजूद निजी जानकारियों को सुनकर विश्वास कर लेते हैं।
हिमाचल विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक अमरजीत सिंह का कहना है कि लोगों को लालच देकर या डराकर ठगा जा रहा है। ऐसे में कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले सी डिटेल पर जाकर जरूर जांच लें कि एप आपसे किस तरह की जानकारियों का एक्सेस मांग रहा है।साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) को प्रलोभनों वाले मैसेज की आड़ में भेजते हैं। उपहार, लॉटरी जीतने या बैंक के नाम पर अलर्ट आता है। जैसे ही मैसेज पर क्लिक करते हैं, सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाता है। ईकेवाईसी के लिंक में एक क्लिक से ही अकाउंट हैक करके सोलन के व्यक्ति से 12 लाख रुपये लूट लिए गए।
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