अनुबंध कर्मी होंगे नियमित,हिमाचल में न्यूनतम बस किराया बढ़ेगा
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
मंत्रिमंडल बैठक में न्यूनतम बस किराये को पांच से 10 रुपये करने का फैसला लिया है। एचआरटीसी के निदेशक मंडल की ओर से किराया बढ़ाने की मंजूरी देने के बाद राज्य सरकार ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है। हालांकि, निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार को न्यूनतम किराया 5 से बढ़ाकर 15 रुपये करने का प्रस्ताव दिया था। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान ने दी।प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 31 मार्च 2025 तक अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया गया। चार वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक भुगतान कर्मचारियों को भी इसी तिथि से नियमित करने का फैसला लिया गया। इसका लाभ हजारों कर्मचारियों को होगा।बैठक में भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों को आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं को भी टेकओवर करने का भी फैसला लिया गया है।
इनमें 382 मेगावाट की सुन्नी, 210 मेगावाट की लूहरी स्टेज-एक और 66 मेगावाट की धौलासिद्ध परियोजना एसजेवीएन के पास हैं। जबकि 500 मेगावाट का डुगर प्रोजेक्ट और 180 मेगावाट की बैरा स्यूल एनएचपीसी को आवंटित हैं। मुख्यमंत्री लगातार दोहराते रहे हैं कि प्रदेश के हितों को दरकिनार कर पिछली सरकार ने परियोजनाएं केंद्रीय उपक्रमों को दे दी। इंप्लीमेंटेशन एग्रीमेंट पर भी हस्ताक्षर नहीं किए गए। बैरा स्यूल परियोजना को आवंटित किए 40 साल की अवधि हो चुकी है। इसके अलावा ये उपक्रम प्रदेश सरकार की ओर से तय नई रॉयल्टी शर्तों को भी मानने को तैयार नहीं हैं, इसीलिए इन्हें राज्य सरकार के अधीन करने का निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने सुन्नी, लूहरी चरण-1, धौलसिद्ध और डुगर परियोजनाओं पर हुए वास्तविक व्यय का आकलन करने के लिए स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता नियुक्त करने को स्वीकृति दी। इसके अलावा बैरा स्यूल परियोजना के अधिग्रहण के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने का भी निर्णय लिया।
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