विमल नेगी की संदिग्ध माैत मामले में मांगी सीबीआई जांच
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
भाजपा ने प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर दिवंगत विमल नेगी की संदिग्ध माैत मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दया है।
शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपा गया। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मांग की कि एक आईएएस अधिकारी की दूसरा आईएएस अधिकारी जांच कैसे कर सकता है, जहां एफआईआर में विभाग के एमडी पर केस हुआ है उनमें अधिकारी को नामजब्त करना चाहिए था। अब तो एमडी बदल गया है तो केस तो पद के खिलाफ बना जोकि गलत है। भाजपा ने राज्यपाल के समक्ष सीबीआई जांच की मांग भी रखी। जयराम ठाकुर ने कहा हिमाचल प्रदेश भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम से ध्यान में लाया कि प्रदेश बिजली बोर्ड के अंतर्गत एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की ओर दिलाना चाहते हैं। विमल नेगी पिछले कई दिनों से लापता थे।
परिवार की ओरसे शिकायत दर्ज करने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई और न ही उनका पता चल पाया। 18 मार्च को नेगी का शव गोविंदसागर झील से बरामद हुआ। 19 मार्च को एचपीपीसीएल के अधिकारियों, कर्मचारियों और विमल नेगी के परिजनों ने प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निदेशक देश राज को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि उक्त अधिकारी विमल नेगी को गलत काम करने के लिए दबाव डालते थे जिसके कारण विमल नेगी मानसिक दबाव में रहते थे।नेगी की मानसिक प्रताड़ना इतनी बढ़ गई थी कि परेशान होकर नेगी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए, इसलिए इन अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर उन पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। साथ ही पूरी घटना की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से सकारात्मक कारवाई न करने पर एचपीपीसीएल के कर्मचारियों व नेगी के परिजनों ने शव एचपीपीसीएल के कार्यालय के बाहर रखकर सरकार को चेतावनी दी कि वे तब तक दाह-संस्कार नहीं करेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी, तब जाकर सरकार ने एचपीपीसीएल के निदेशक को तो निलंबित कर दिया, लेकिन प्रबंध निदेशक को निलंबित करने की जगह सिर्फ पद से ही हटाया।उसके बावजूद भी जब परिजन माने नहीं तब जाकर एफआईआर दर्ज की।
जयराम ने कहा कि भाजपा विधायक दल जहां इस घटना पर दुख प्रकट करता है, वहीं विमल नेगी के परिजनों व एचपीपीसीएल के कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करता है। कहा कि जिस घटना में आईएएस अधिकारी की संलिप्तता हो, उस घटना की जांच अगर दूसरा आईएएस०अधिकारी करेगा तो निष्पक्ष जांच पर प्रश्न चिन्ह लगेगा। इसलिए भाजपा विधायक दल मांग करता है कि इस घटना की एफआईआर में दूसरे अधिकारी का भी नाम शामिल किया जाए। इस घटना की और दो वर्ष में एचपीपीसीएल की गतिविधियों की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
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