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सरकारी योजनाओं के लिए मंदिरों से पैसा नहीं लेगी सरकार

     मंदिरों के पैसों का पहले सीएम राहत कोष और आपदा या किसी अन्य परिस्थिति में किया जाता रहा

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार अपनी किसी भी योजना के लिए किसी भी मंदिर से कोई पैसा नहीं लेगी। यह बात उन्होंने आज मंडी में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कही।

 मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट कहा कि मंदिरों से जुड़ा भाषा एवं संस्कृति विभाग उनके पास ही है और वे स्पष्ट कह रहे हैं कि किसी भी सरकारी योजना के लिए मंदिरों से पैसा नहीं लिया जाएगा।मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंदिरों के पैसों का पहले सीएम राहत कोष और आपदा या किसी अन्य परिस्थिति में किया जाता रहा है, लेकिन इसके अलावा इन पैसों का कहीं और कोई इस्तेमाल नहीं होगा। कानूनों के तहत मंदिर या ट्रस्ट अपनी इच्छा से किसी गरीब की मदद कर सकते हैं जिसके लिए उन्हें स्वयं निर्णय लेना होता है। 


उन्होंने कहा कि यह भाजपा द्वारा किया जा रहा दुष्प्रचार है, लेकिन भाजपा को इससे कुछ भी हासिल नहीं होने वाला।मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तभी से ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा के कुछ अन्य नेता लगातार सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। इन्हें हमारे कुंभ स्नान को लेकर भी आपत्ति होती है। जयराम को इससे कोई फायदा नहीं मिलेगा। जितने धार्मिक वो हैं उतने ही धार्मिक हम भी हैं।

मुकेश ने कहा कि प्रदेश के 36 मंदिर प्रदेश सरकार के अधीन हैं जिनमें से 4 या 5 मंदिरों की ही आर्थिक स्थिति ठीक है, जबकि बाकी मंदिर इस स्थिति में नहीं हैं कि वे पैसा दे पाएं। प्रदेश के मंदिरों की जमापूंजी करीब 500 करोड़ है, लेकिन इन पैसों से प्रदेश सरकार का कुछ नहीं होने वाला। प्रदेश सरकार का 55 हजार करोड़ का बजट है। सरकार उल्टा मंदिरों को सहायता देती है। इससे पहले मुकेश अग्निहोत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित बाइक रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


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