अवैध कब्जे: सामंतवाद और बाहुबलियों का खेल
पालमपुर,ब्यूरो रिपोर्ट
सुक्खू जी! सरकार जी! आपके कई फैसले लोगों के गले नहीं उतरते। आपकी यह घोषणा कि अवैध कब्जाधारियों को मालिकाना हक दिया जाएगा, उन लोगों की समझ में तो आ गई है, जिन्हें आप यह लाभ पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस घोषणा के पीछे कहीं आपकी पार्टी के किसी खास व्यक्ति, मंत्री मंडल के सदस्य, विधायक या फिर किसी रिश्तेदारी का पेंच तो नहीं है? यह जानना तो टेढ़ी खीर है, क्योंकि तीन पुस्तों का पता लगाना आसान नहीं।
यह बात जगजाहिर है कि अवैध कब्जे या तो सामंतवादियों के होंगे या फिर बाहुबलियों के। गरीब की तो इतनी हिम्मत नहीं कि वह सरकारी जमीन पर कब्जा कर सके। गरीबों को तो हिमाचल सरकार ने पट्टे आवंटित किए थे, लेकिन अधिकांश पट्टाधारकों ने इन अमीरों के नोट देखकर अपनी जमीनें बेच दीं। नतीजा यह हुआ कि ये गरीब फिर से बेजमीन हो गए।माननीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपको एक सुझाव देना चाहता हूं। अवैध कब्जाधारियों को मालिकाना हक देकर उनकी पीठ थपथपाने के बजाय, आप उन पर सालाना लगान लगाएं। इससे दो फायदे होंगे: या तो कब्जाधारी खुद ही जमीन छोड़ देंगे, या फिर वित्तीय कठिनाई से गुजर रहे प्रदेश के खजाने में कुछ आमदनी होगी। वैसे भी, सरकारी जमीन पर कब्जा करना कानूनन अपराध है। अच्छी बात तो यह होगी कि अवैध कब्जे वाली जमीन को छुड़ाकर वहां वृक्षारोपण किया जाए। आजकल कंक्रीट की इमारतें खड़ी करने के लिए लोगों ने अपनी जमीन से पेड़ काट डाले हैं। जो कसर रह गई है, उसे कुछ शरारती तत्व गर्मियों में जंगलों को आग लगाकर पूरा कर देते हैं। ऐसे में, सरकारी जमीन पर वृक्षारोपण करना न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि यह अवैध कब्जों को रोकने का भी एक कारगर उपाय हो सकता है।
अगर कब्जाधारियों से जमीन छुड़ाने में कोई कानूनी अड़चन आती है, तो मेरा सुझाव है कि उन पर लगान लगाया जाए। इससे कब्जाधारियों का कब्जा भी बना रहेगा, सरकार को वित्तीय लाभ भी होगा, और जमीन का मालिकाना हक भी सरकार के पास ही रहेगा। हां, अगर कोई एक-आध गरीब कब्जाधारी निकल आए, तो उसे लगान में कुछ छूट दी जा सकती है। लेकिन गलती से भी उसे मालिकाना हक न दिया जाए। माननीय मुख्यमंत्री जी, आशा है कि आप मेरे सुझाव पर जरूर विचार करेंगे। अवैध कब्जों को रोकने और सरकारी जमीन का सदुपयोग करने के लिए यह एक व्यावहारिक और न्यायसंगत समाधान हो सकता है। इससे न सिर्फ प्रदेश के खजाने को लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। आपकी सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि अवैध कब्जों की समस्या का स्थायी समाधान निकल सके।लेखक डॉक्टर लेखराज शर्मा निष्पक्ष संपादक।
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