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आउटसोर्स कर्मियों को पक्की नौकरी का प्रावधान

                                                      करुणामूलक भर्ती के लिए 1 माह में बनेगी नीति

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों और करुणामूलक आधार पर भर्ती के लिए सरकार जल्द नीति बनाएगी। 

पानी के बिलों की वसूली का काम अब पंचायतों को दिया जाएगा और यह राशि उसी पंचायत के विकास पर खर्च होगी। ग्रामीणों को स्वच्छ जल भी मुहैया करवाया जाएगा। शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए पक्की नौकरी का प्रावधान किया जाएगा। करुणामूलक भर्ती के लिए एक माह में नीति तैयार कर विधवा बहनों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।सीएम ने कहा कि प्रदेश में 50 बीघा से कम भूमि पर भी अब राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल बन सकेंगे। सरकार ने पुरानी नीति में बदलाव करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने विधायकों की ऐच्छिक निधि 14 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की भी घोषणा की। जिला सिरमौर के रेणुका को पर्यटन की द़ृष्टि से विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षण संस्थानों की संख्या अधिक हो गई है। स्कूलों के युक्तिकरण की प्रक्रिया जारी है।


अब कंपोजिट कॉलेज बनाकर पीजी कोर्स शुरू किए जाएंगे। आसपास के कॉलेजों को एक साथ मिलाकर बड़े कॉलेज के तौर पर विकसित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीयू शिमला, एसपीयू मंडी और तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय में राजनीतिक आधार पर भर्तियां नहीं होंगी। बिजली बोर्ड में अब सिविल के काम नहीं होते हैं। ऐसे में वहां स्टाफ का युक्तिकरण कर सिविल इंजीनियरों की अन्य विभागों में सेवाएं ली जाएंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान किसी भी प्रकार का आरोप नहीं लग सका है। भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को सरकार नहीं बख्शेगी। नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अच्छे शासन के लिए अच्छे प्रशासन का होना आवश्यक होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में विधायक क्षेत्र विकास निधि को बढ़ाया जाएगा। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक होते ही विधायकों के खर्चे भी बढ़ाए जाएंगे।




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