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साइबर स्टेशन डेटा सेंटर को चुना गया प्रतिष्ठित स्कॉच पुरस्कार के लिए

                                                    114 करोड़ रुपये की ठगी की मिली शिकायतें

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के साइबर स्टेशन डेटा सेंटर (CY Station Data Centre 1930) को पूरे भारतवर्ष से प्रतिष्ठित स्कॉच पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार देश के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मानों में से एक है, जिसे स्कॉच समूह द्वारा उन संस्थानों, परियोजनाओं और व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जो अपने अनुकरणीय नेतृत्व और समर्पण से भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने में योगदान देते हैं।

 इस उपलब्धि ने हिमाचल प्रदेश पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है और साइबर अपराध के खिलाफ उनके समर्पण को मान्यता दी है।साइबर स्टेशन डेटा सेंटर दिन-रात नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर है। पुलिस कर्मियों की शिफ्ट ड्यूटी लगाकर इसे सुचारू रूप से संचालित किया जाता है, जिससे शिकायतकर्ताओं को त्वरित सहायता मिल सके। हर दिन 450 से 500 कॉल साइबर अपराध से जुड़ी प्राप्त होती हैं। वर्ष 2024 में कुल 1,10,794 कॉल दर्ज की गईं, जिसमें 19 प्रतिशत कॉल महिलाओं की, 2 प्रतिशत बच्चों की और 71 प्रतिशत पुरुष शिकायतकर्ताओं की थीं। साइबर स्टेशन के ग्राहक सेवा सहायता केंद्र की टीम सभी कॉल्स का 100 प्रतिशत उत्तर देती है। विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायतों को राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म (NCRP) पर तुरंत दर्ज किया जाता है, जिससे ठगे गए पैसों को होल्ड करने में मदद मिल सके।हर दिन 40 से 50 शिकायतें राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म (National Cyber Reporting Platform) पर दर्ज की जाती हैं। वर्ष 2024 में कुल 11,982 शिकायत दर्ज की गईं, जिनमें 114 करोड़ रुपये की ठगी के मामले सामने आए। 


साइबर स्टेशन की तत्परता और कुशल कार्य प्रणाली के चलते 15 करोड़ रुपये शिकायतकर्ताओं को वापस दिलाए गए, जिससे पीड़ितों को बड़ी राहत मिली। बद्दी पुलिस के बाद अब साइबर स्टेशन डेटा सेंटर को यह गौरव प्राप्त हुआ है। इसी कड़ी में डीआईजी (DIG) साइबर क्राइम मोहित चावला के नेतृत्व में की टीम ने पुलिस महानिदेशक (DGP) राज्य गुप्तचर विभाग, हिमाचल प्रदेश एसआर ओझा से मुलाकात की।इस अवसर पर ओझा ने टीम को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी और भविष्य में और अधिक प्रभावी कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने टीम को साइबर अपराधों की रोकथाम और त्वरित समाधान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। इस दौरान आईजीपी (IGP) इंटेलिजेंस संतोष पटियाल, डीआईजी (क्राइम) डी.के चौधरी, डीआईजी  साइबर क्राइम मोहित चावला, एसपी (ANTF) अरविंद दिग्विजय नेगी, एसपी ( क्राइम/साइबर क्राइम) राजेश कुमार, एसपी (सिक्योरिटी) भूपेंद्र सिंह नेगी, एसएचओ (साइबर क्राइम) स्टेशन डॉ. अमर सिंह सहित साइबर स्टेशन डेटा सेंटर की पूरी टीम उपस्थित रही।साइबर अपराधों से निपटने के लिए आठ प्रमुख वर्टिकल में कार्य करता है, जो इसे पूरे देश में एक सशक्त साइबर सुरक्षा केंद्र बनाते हैं।1930 टोल-फ्री नंबर पर आने वाली साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों का 24×7 उत्तर देता है। बैंकों और उनके नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर ठगी गई राशि को रोकने में मदद करता है।

नेशनल साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म (National Cyber Reporting Platform) पोर्टल को अपडेट करने और साइबर क्राइम मामलों को रिकॉर्ड करने की नोडल बॉडी के रूप में कार्य करता है। डेटा वेयरहाउस और डेटा विश्लेषण का कार्य करता है, जिससे अपराधों की प्रवृत्तियों को समझकर प्रभावी कदम उठाए जा सकें। साइबर अपराधों की जांच में तकनीकी सहायता प्रदान करता है। साइबर सुरक्षा, डिजिटल साक्षरता और अपराध रोकथाम के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। सोशल मीडिया से जुड़े साइबर अपराधों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती है। साइबर अपराधों को रोकने के लिए तकनीकी सहायता और समाधान प्रदान करता है।साइबर स्टेशन में प्रतिदिन 450-500 कॉल साइबर क्राइम से सम्बंधित आती है जिसमे फाइनेंशियल फ्रॉड, सोशल मीडिया फ्रॉड आदि से सम्बंधित कॉल्स शामिल है। वर्ष 2024 में साइबर स्टेशन डाटा सेंटर में 1,10,794 कॉल प्राप्त हुई है जिसमें 197% कॉल महिलायों की, 2% कॉल बच्चो की, तथा 71% कॉल पुरुष शिकायतकर्तायों की आई है। साइबर स्टेशन डाटा सेंटर की CSSC की टीम 100% कॉल्स का उत्तर देती है यहां फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित कॉल को तुरंत एनसीआरपी पोर्टल पर चढ़ाया जाता है। जिससे लोगों का पैसा तुरंत होल्ड किया जा सके।साइबर स्टेशन में प्रतिदिन 40 से 50 शिकायतों को एनसीआरपी पोर्टल पर चढ़ाया जाता है। वर्ष 2024 में वर्ष 2024 में कुल 11,982 शिकायतों को NCRP पर चढ़ाया गया है इसमें कुल 114 करोड़ रूपये की ठगी लोगों के साथ हुई थी जिसमे से 15 करोड़ की राशि शिकायतकर्तयों को वापस दिलाई गयी है। साइबर स्टेशन में इस वक्त कुल 21 कर्मचारी काम कर रहे हैं जिसमें 9 महिलाएं भी शामिल हैं जो कि साइबर स्टेशन 1930 में अहम भूमिका निभा रही हैं। साइबर स्टेशन 1930 हिमाचल प्रदेश साइबर स्पेस के परिक्षेत्र में एक गेम चेंजर की भूमिका निभा रहा है।


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