अब लीची, अनार और अमरूद को भी बीमा कवर
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
ऊना जिले में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। करीब 20 करोड़ रुपये से लगने वाले संयंत्र की प्रतिघंटा क्षमता 500 किलो आलू प्रसंस्करण की होगी।
डिजिटल प्रौद्योगिकी से बागवानी का विकास होगा, इसके लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सेब की तरह ही अब लीची, अनार और अमरूद भी मौसम आधारित फसल बीमा योजना में लाए जाएंगे। योजना में सेब के 36, आम के 56, प्लम के 29, आड़ू के 16, नींबू के 58, अनार के 21, लीची के 28 और अमरूद के 22 ब्लॉक लाए जाएंगे। योजना में 60 हजार बागवान पहले से शामिल हैं।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आलू की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने ऊना में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने का फैसला लिया है। बजट में पहली बार गेहूं-मक्की के भंडारण के लिए अत्याधुनिक साइलो स्थापित करने की भी घोषणा की गई है। सीएम ने कहा कि सब्जी उत्पादन में 20 प्रतिशत हिस्सा आलू का है।
संयंत्र स्थापित होने से 3400 हेक्टेयर में सालाना 54,200 मीट्रिक टन आलू पैदा करने वाले किसान लाभान्वित होंगे।जायका प्रोजेक्ट के तहत 154 करोड़ से 100 गांवों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार कृषि उपकरणों पर अनुदान देगी, इसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में रखा गया है। वहीं, 1500 प्रशिक्षण शिविर, 4,000 प्रदर्शनियां, मोटे अनाज के उत्पादन के बारे में जागरूक करने के लिए 2,400 प्रदर्शनियां लगाने, जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था की गई है। कृषि विभाग के सभी सरकारी फार्म प्राकृतिक खेती के अधीन लाए जाएंगे। 20 फीसदी हिस्से पर हल्दी, अदरक, अरबी, कटहल, रतालू की खेती होगी।
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