बजट का आकार महज 70 करोड़ रुपये ही ज्यादा
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल के बजट में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सुख की फुहार करते हुए हर तबके को सौगात दी है। सीएम ने सोमवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 58,514 करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
चालू वित्त वर्ष की तुलना में बजट का आकार महज 70 करोड़ रुपये ही ज्यादा है। सीमित साधनों के बावजूद सरकार ने बजट में कर्मचारियों-पेंशनरों, युवाओं, महिलाओं, किसानों -पशुपालकों, कारोबारियों और जनप्रतिनिधियों समेत सभी वर्गों का ख्याल रखा है। कर्मचारियों को तीन फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) और 70 से 75 वर्ष के पेंशनरों को संशोधित वेतनमान का बकाया एरियर 15 मई से देने का एलान किया है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं, आशा वर्करों, मिड-डे मील वर्कर्स, जलरक्षकों, पंप ऑपरेटरों, चौकीदारों, सिलाई शिक्षिकाओं, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं, एसएमसी शिक्षकों, आईटी शिक्षकों और आउटसोर्स कर्मियों जैसे अस्थायी कर्मियों का मानदेय भी बढ़ाने की घोषणा की है।
दस नई योजनाएं शुरू करने के साथ दिहाड़ीदारों और मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी बढ़ा दी गई है। स्वरोजगार पर फोकस करने के साथ अगले वित्त वर्ष में 25 हजार सरकारी नौकरियां भी देने का एलान किया है।छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई होम स्टे पॉलिसी आएगी। करीब तीन घंटे (सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 1:55 बजे तक) के बजट भाषण में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में 37 हजार नए लोगों को लाने का एलान किया। कांग्रेस की तीसरी गारंटी को आगे बढ़ाते हुए 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच 21 साल पूरा करने वाली युवतियों, दूसरों के घरों में काम करने वाली महिलाओं, उनकी बेटियों और विधवाओं की पुत्रियों के लिए भी 1,500 रुपये मासिक देने की घोषणा की।
किसानों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए प्राकृतिक तरीके से हल्दी उगाने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, ऊना में आलू प्रोसेसिंग यूनिट खोलने, ड्रोन टैक्सी चलाने जैसी घोषणाएं कीं। सीएम ने उद्योगों के लिए छूट देते हुए कहा कि प्रति यूनिट 40 पैसे की दर से बिजली सब्सिडी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने दस नई योजनाएं शुरू करने और नशे से निपटने के लिए एक बोर्ड बनाने और उद्योगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक अन्य बोर्ड बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध और गैर कानूनी गतिविधियों पर शिकंजा कसने के लिए अधिनियम लाया जाएगा।
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