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चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 6 अप्रैल को खत्म होंगे

                                                            फूलों से सजे हिमाचल के शक्तिपीठ

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

हिंदू धर्म का बड़ा पर्व चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 6 अप्रैल को खत्म होंगे। नवरात्र के दौरान शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आमतौर पर नवरात्र पर लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं और मां दुर्गा के नौ रूपों की भक्ति भाव से आराधना करते हैं।

भक्त इन दिनों देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं। मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा ने अलग-अलग अवतार लेकर राक्षसों का अंत किया था और भक्त उन्हें इन्हीं रूपों में पूजते हैं। व्रत के दौरान नौ दिनों तक मांस, अनाज, शराब, प्याज और लहसुन का सेवन करने की मनाही होती है।ज्योतिषाचार्य चंद्र शर्मा शास्त्री ने बताया कि तृतीय तिथि का क्षय होने के कारण 31 मार्च को माता के द्वितीय और तृतीय स्वरूप की पूजा एक साथ की जाएगी। इस बार नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्ध, इंद्र, बुधादित्य, शुक्रादित्य, लक्ष्मी नारायण योग बनने से नवरात्र विशेष फलदायक होंगे। हालांकि चैत्र नवरात्र में कालसर्प योग बनने से कुछ राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ने की संभावना है। चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना नवरात्र के पहले दिन होती है। 


इस दिन सुबह 6:13 से सुबह 10:22 बजे तक, दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक घट स्थापना कर सकते हैं। दोनों मुहूर्तों में कलश स्थापना करना मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना जाता है।हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस साल प्रतिपदा तिथि शनिवार, 29 मार्च को शाम 04:27 बजे पर शुरू होगी जबकि समापन रविवार 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्र रविवार 30 मार्च से शुरू होंगे।चैत्र माह के नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। जिला कांगड़ा में तीनों शक्तिपीठों को फूलों से सजाया जा रहा है।

श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट सुबह चार बजे से खुलेंगे। कांगड़ा के बज्रेश्वरी माता मंदिर के कपाट सुबह साढ़े चार बजे खुलेंगे। वहीं, ज्वालामुखी माता मंदिर में सुबह पांच बजे गर्भ गृह के कपाट खोले जाएंगे। सभी शक्तिपीठों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस और होमगार्ड जवान तैनात रहेंगे। सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जाएगी और अतिरिक्त सफाई कर्मचारी सफाई का जिम्मा संभालेंगे। ज्वालामुखी में ड्रोन से मेले की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही छठी, सप्तमी और अष्टमी पर कांगड़ा के तीनों शक्तिपीठ 24 घंटे खुले रहेंगे।


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