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चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को हो रही है दिक्क़ते

                                                         पांच माह बाद भी नहीं मिला विशेषज्ञ

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

जिला मुख्यालय धर्मशाला स्थित क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पांच माह से अस्पताल में मेडिसिन ओपीडी में कोई विशेषज्ञ नहीं है।

 हैरत की बात यह है कि इतने लंबे समय से किसी विशेषज्ञ की तैनाती न होने से अस्पताल प्रशासन को मजबूरन ओपीडी पर ताला लगाना पड़ गया है। हालात ऐसे हैं कि मेडिसिन ओपीडी के मरीजों की जांच सामान्य ओपीडी के डॉक्टर कर रहे हैं। अस्पताल में बीपी, हृदय रोगी और मधुमेह सहित अन्य बीमारियों की जांच के अलावा दवाइयों के लिए भी मरीजों को अन्य अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।लंबे समय से कोर्स कर रहे मरीजों को दवाइयां बंद करने या बदलवाने की सुविधा इस अस्पताल में नहीं मिल पा रही है।


अन्य निजी अस्पतालों में मरीजों को या तो नए सिरे से दवाइयां का कोर्स शुरू करना पड़ रहा है या निजी अस्पतालों में दोबारा हजारों रुपये खर्च कर दवाइयां खानी पड़ रही हैं। इससे मरीजों का मर्ज बढ़ गया है। अस्पताल में कुल 40 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 28 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं। हाल ही में तीन चिकित्सकों का तबादला अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में कर दिया है।अस्पताल में गायनी विभाग में केवल एक चिकित्सक हैं, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए टांडा अस्पताल रेफर किया जा रहा है।

वहीं, रेडियोलॉजी विभाग में केवल एक ही रेडियोलॉजिस्ट हैं। इससे अल्ट्रासाउंड कराने के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। उधर, अस्पताल में एक ही ऑपरेशन थियेटर सहायक होने के कारण ऑपरेशन भी लटक रहे हैं।मौजूदा समय में धर्मशाला अस्पताल में 28 के करीब चिकित्सक हैं। एमडी मेडिसिन का पद खाली होने के कारण ओपीडी को बंद करना पड़ा है। मेडिसिन ओपीडी के मरीजों को सामान्य ओपीडी में भेजा जा रहा है। सरकार को समय-समय पर रिक्त पदों को भरने के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। चिकित्सकों की कमी के चलते परेशानी हो रही है।



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