कुल्लू में 1 लाख 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ी गयी सहायक आयुक्त
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
विजिलेंस ने कुल्लू में खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में दबिश देकर सहायक आयुक्त व खाद्य सुरक्षा अधिकारी समेत तीन कर्मचारियों को होटल व्यवसायी से 1.10 लाख रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जांच अधिकारी के मुताबिक रिश्वत की राशि एक मामले को निपटाने के लिए ली जा रही थी। विजिलेंस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रिश्वत की राशि चपरासी से बरामद की गई। विजिलेंस के डीएसपी अजय कुमार के अनुसार होटल कारोबारी पदम चंद ने शिकायत दी थी कि सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा कुल्लू ने मनाली में उनके होटल में गलत ब्रांडेड पापड़, खाना पकाने के लिए असुरक्षित तेल रखने पर नोटिस जारी किया था। खाद्य, सुरक्षा और विनियमन अधिनियम, 2011 के तहत जारी नोटिस के निपटान के लिए सहायक आयुक्त ने दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।
शिकायत पर विजिलेंस ने शुक्रवार को योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया और शिकायतकर्ता ने अधिकारी के निर्देशानुसार रिश्वत की राशि उनके कार्यालय के चपरासी केशव राम को सौंप दी। विजिलेंस ने कार्रवाई करते हुए सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा कुल्लू भाविता टंडन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज की मौजूदगी में चपरासी से रिश्वत की 1.10 लाख की राशि बरामद की। इसके बाद विजिलेंस ने तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए पहले हिरासत में लिया, उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।हिमाचल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुक्रवार को नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एकसाथ 10 जिलों में दबिश दी। बिलासपुर और ऊना में एसटीएफ ने तीन पुलिस कर्मचारियों के घरों में भी छापा मारा। विभाग को सूचना मिली है कि ये कर्मचारी नशा तस्करों के साथ मिले हैं।एसटीएफ ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और कुछ के मोबाइल जब्त किए हैं।
डीजीपी ने किसी की गिरफ्तारी से इन्कार किया है। उन्होंने बताया कि जल्द मामले में खुलासा किया जाएगा। हिमाचल में नशे से हर जिले में युवाओं की मौत हो रही है। इन बातों को मद्देनजर रखते हुए पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए योजना तैयार की है। इसी के तहत शुक्रवार को संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश दी गई।पुलिस ने नशा बेचने वाले संदिग्धों की सूची तैयार की है। इसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ऊना में जिन तीन पुलिस कर्मचारियों के घर पर दबिश गई है, वे तीनों एसआईयू विंग में रह चुके हैं। एसआईयू में रहते हुए कर्मचारियों ने चिट्टा, शराब माफिया और दड़ा सट्टा माफिया के खिलाफ कई केस दर्ज किए हैं।
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