स्टोन क्रशिंग इकाइयों की निगरानी के लिए उनका नियमित रूप से औचक निरीक्षण करेगी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा है कि स्टोन क्रशिंग इकाइयों के लिए तैयार किए गए पर्यावरणीय दिशा-निर्देश के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिए।
ये समिति अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित स्टोन क्रशिंग इकाइयों की निगरानी के लिए उनका नियमित रूप से औचक निरीक्षण करेगी। साथ ही स्टोन क्रशिंग इकाइयों को मंत्रालय की ओर से पर्यावरण संरक्षण नियम 1986 के तहत अधिसूचित उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करना होगा।उन्होंने यह जानकारी जानकारी सांसद डॉ. सिकंदर कुमार के राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में दी।
कीर्तिवर्धन सिंह सिंह ने सदन को बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जुलाई 2023 में स्टोन क्रशिंग इकाइयों के लिए पर्यावरणीय दिशा-निर्देश तैयार किए और इन्हें कार्यान्वयन के लिए हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और प्रदूषण नियंत्रण समितियों में परिचालित किया गया है। यह दिशा-निर्देश धूल उत्सर्जन को रोकने व कम करने के लिए स्टोन क्रशिंग इकाइयों के लिए सामान्य और स्रोत विशिष्ट उपायों का निर्धारण करते हैं। एसपीसीबी और पीसीसी अपने राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों में इन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हैं।
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