35 बड़े मंदिरों की जिला प्रशासन देखरेख करता है
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
मुख्यमंत्री सुखाश्रय और सुख शिक्षा योजना में जरूरतमंदों की मदद सरकार के अधीन आने वाले मंदिरों के ट्रस्ट भी करेंगे। भाषा एवं संस्कृति विभाग ने मंदिर कमेटियों से जरूरतमंद बच्चों की मदद का आग्रह किया है। करोड़ों रुपये की आय वाले प्रदेश के 35 बड़े मंदिरों की जिला प्रशासन देखरेख करता है।
सरकार की अपील पर उपायुक्तों ने मंदिर न्यास को आर्थिक मदद करने के लिए पत्र जारी किए हैं। प्रदेश के कई मंदिरों ने पत्र प्राप्त होने के बाद बैठकें करना शुरू कर दिया है। भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर ने बताया कि सरकार ने सुखाश्रय और सुख शिक्षा योजना में मदद करने के लिए मंदिर ट्रस्ट पर आखिरी फैसला छोड़ा है।मुख्य आयुक्त मंदिर, सचिव भाषा एवं संस्कृति की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि प्रदेश के सभी मंदिर न्यासों में चढ़ावे से हो रही आय के अनुरूप मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के लिए धन जुटाया जाए। इस पत्र के संदर्भ में उपायुक्तों ने मंदिर न्यास के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिवाें को आदेश जारी किए हैं कि न्यास की बैठकें बुलाकर इस योजना के लिए धन का प्रावधान किया जाए।
शिमला जिला में मंदिर न्यास तारादेवी, जाखू मंदिर न्यास की बैठकें बीते बुधवार को बुलाई जा चुकी हैं। वीरवार को दुर्गा माता मंदिर न्यास हाटकोटी व भीमा काली मंदिर न्यास सराहन की बैठकें वहां के एसडीएम की अध्यक्षता में हुईं।बैठकों में प्रस्ताव रखा गया कि सरकार के आदेश पर मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना व मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के लिए मंदिरों में चढ़ावे व अन्य आय से धन की व्यवस्था की जाए। इसी प्रकार प्रदेश के अन्य जिलों में भी न्यास की बैठकों का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश में सरकार के अधीन 35 बड़े मंदिर हैं। इन मंदिरों का संचालन हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक एवं पूर्तविन्यास संस्थान करता है।
सभी मंदिरों की कुल जमापूंजी चार अरब के आसपास की है।प्रदेश के बड़े मंदिरों की सूची में ज्वालामुखी, चामुंडा मंदिर, चिंतपूर्णी मंदिर, नयना देवी मंदिर, बज्रेश्वरी मंदिर, बैजनाथ मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, चंबा चौरासी मंदिर, भरमौर छतरी, बाला सुंदरी सहित अन्य मंदिर शामिल हैं।मुख्यमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री आपदा कोष, कोविड राहत कोष सहित अन्य संकट के दौर में पहले भी मंदिरों के खजाने से करोड़ों रुपये सरकार को दिए गए हैं। भाजपा के कार्यकाल में मंदिरों से कोरोना काल के दौरान, वर्तमान सरकार ने भूस्खलन, बाढ़, प्राकृतिक आपदा से लोगों के घर-खेत बहने पर मंदिर न्यास ने स्वेच्छा या सरकार के आदेश पर मुख्यमंत्री आपदा कोष में करोड़ों रुपये जमा किए।
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