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ऊना में जिला स्तरीय बिजली पंचायत का आयोजन

                                                         अभियंताओं और पेंशनरों ने की पंचायत

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

बिजली बोर्ड़ कर्मचारियों, इंजीनियरों और पेंशनरों के संयुक्त मोर्चा ने मंगलवार को ऊना में जिला स्तरीय बिजली पंचायत का आयोजन किया गया। इसमें ऊना जिले के सैकड़ों बिजली बोर्ड कर्मचारियों, अभियंताओं, पेंशनरों व बिजली उपभोक्ताओं ने भाग लिया। 

उल्लेखनीय है कि संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली कर्मचारी, अभियंता व पेंशनर्स मांगों से 6 फरवरी से आंदोलनरत हैं।  11 फरवरी को हमीरपुर में इसी तरह की बिजली पंचायत का आयोजन किया गया था।  ऊना में हुई बिजली पंचायत में संयुक्त मोर्चा के ई. एमएल वशिष्ठ, चंद्र सिंह मंडयाल, ई. केडी शर्मा, कुलदीप खरवाड़ा, कामेश्वर दत्त शर्मा, अजय पराशर, ई. दीपक चौहान, अश्वनी शर्मा और हीरा लाल वर्मा, शांतिस्वरूप शर्मा, जगमेल ठाकुर, पवन मोहल, मुनीश शर्मा, पंकज शर्मा, शाम लाल उपस्थित रहे।इस अवसर पर कमेटी के नेताओं की ओर से कर्मचारी नेता नीतीश कुमार की बर्खास्तगी का विरोध किया और इसे महज बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा पदों को समाप्त करने और बोर्ड में पुरानी पेंशन के पक्ष में आवाज उठाने पर बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया। पंचायत के बाद रैली निकाली गई और जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। यदि उठाई गई मांगो का समय रहते निवारण नहीं किया अगली जिला पंचायत चम्बा में 3 मार्च,2025 को होगी।


 कमेटी के सह संयोजक ने कहा कि सरकार और प्रबंधन को जिम्मेदारी की भावना के साथ आगे आना चाहिए और बिजली बोर्ड़ कर्मचारी, अभियंता व पेंशनर्स की जेएसी की ओर से उठाए गए मुद्दों पर तुरंत बातचीत करनी चाहिए ताकि उनके बीच व्याप्त गतिरोध को तोड़ा जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आक्रोश को देखते हुए प्रबंधन इन मुद्दों पर वार्ता व समाधान नहीं करता है तो जेएसी एक बड़ी कार्रवाई करने को मजबूर होगी, जिसके लिए प्रबंधन को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है। बिजली बोर्ड में युक्तिकरण और पदों में कटौती पर रोक लगाई जाए। हाल ही में समाप्त किए गए 51 पदों को बहाल किया जाए। बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की भारी कमी को देखते हुए खाली पदों पर तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।

मई 2003 के बाद भर्ती बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली को किया जाए।  पिछले दो वर्षों से लंबित पेंशनरों के पेंशन बकाया राशि, लीवईन्केशमेंट और ग्रेच्युटी की अदायगी शीघ्र की जाए।  बिजली बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए और पिछले दिनों में छंटनी किए गए 81 ड्राइवरों (आउटसोर्स) को फिर से काम पर रखा जाए। सरकार और प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी एवं अभियंता संयुक्त मोर्चा के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का पालन किया जाएगा तथा उनके परामर्श के बिना किसी भी परिसंपत्ति का हस्तांतरण नहीं किया जाएगा।  हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सब स्टेशन एवं पावर हाउस के संचालन एवं रख-रखाव की आउटसोर्सिंग बंद की जाए।



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