भतीजे और एक अन्य भाजपाई की रिकार्डिंग वायरल
ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट
कांग्रेस के पूर्व विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह सत्ती बताएं कि उनके भतीजे और खनन माफिया के बीच क्या संबंध हैं। नंगल के किसी गरीब के नाम पर लीज लेकर अवैध खनन करके उनके भतीजे ने ईडी की कार्रवाई में स्वयं को बचाते हुए गरीब पर छापामारी क्यों करवाई।
शुक्रवार को जारी प्रेस बयान में रायजादा ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय सत्ती के भतीजे और एक अन्य भाजपाई की रिकार्डिंग वायरल हुई थी जिसमें रेत से भरे ट्रकों व टिपरों को बार्डर पार करवाने की एवज में रुपये मांग गए थे लेकिन बावजूद इसके कोई न तो मामला दर्ज हुआ और न ही जांच हुई, जबकि सत्ती का हाथ भतीजे के सिर पर रहा।रायजादा ने कहा कि सत्ती को मेरे होटल और व्यवसाय की बहुत चिंता है, जिनका कर्ज नियमानुसार माफ हुआ है। उन्होंने कहा कि कर्ज माफ करने की योजना पूर्व जयराम सरकार ने निकाली थी और उसी स्कीम का फायदा प्रदेश के हजारों लोगों ने लिया जिसमें वह भी शामिल थे।
कर्जा चुकाया गया है, हड़पा नहीं गया है। यदि सत्ती के पास भ्रष्टाचार के कोई सबूत हैं तो वह न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाते? क्यों कहीं लिखित शिकायत नहीं करते?उन्होंने कहा कि सत्ती केवल बयानबाजी करके झूठे लांछन लगाकर राजनीतिक लाभ लेने की फिराक में रहते हैं। रायजादा ने कहा कि सत्ती को प्रदेश सरकार की चिंता करने की बजाए अपने कुनबे की फिक्र करनी चाहिए। कांग्रेस से गए नेताओं के चलते भाजपा में फूट पड़ चुकी है और सत्ती भी पुराने नेताओं का साथ देने की बजाए नए भाजपाई नेताओं की अगुवानी करने में जुटे हुए हैं। इससे यह साफ होता है कि वह मौकापरस्त नेता हैं। किसी पुराने नेता का साथ देने की बजाए मुनाफे की राजनीति करते हैं।
रायजादा ने कहा कि मेरे व्यवसाय सार्वजनिक हैं लेकिन सत्ती ने कभी यह सार्वजनिक नहीं किया कि उनकी आय के क्या स्रोत हैं। कहां-कहां उन्होंने कारोबार में पैसा लगाया है।पूर्व विधायक रायजादा ने कहा कि डीजीपी के माध्यम से भाजपा की केंद्र सरकार के हाथों की कठपुतलियां बनीं केंद्रीय एजेंसियां प्रदेश सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जब सवाल उठाया तो सतपाल सत्ती को तकलीफ हो रही है। सत्ती भी सच जानते हैं। उन्होंने कहा कि सत्ती को झूठे लांछन और हवाबाजी के बयानों के बजाए स्वच्छ राजनीति करनी चाहिए न कि वरिष्ठ नेता होने पर भी ओच्छी राजनीति करनी चाहिए।
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