इसकी शुरूआत जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति से होगी
लाहौल-स्पीति,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल सरकार नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (टीसीपी) के नियमों के कार्यान्वयन को लेकर बड़ा फेरबदल करने जा रही है। इसकी शुरूआत जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति से होगी।
यहां टीसीपी एक्ट को लागू करने के लिए पंचायतों को अधिकृत किया जा रहा है। इसमें सरकारी-गैर सरकारी के अलावा व्यवसायिक तथा रिहायशी भवनों के निर्माण को पंचायतें रेगुलेट करेंगी। हर निर्माण में पूरी तरह से टीसीपी के नियम लागू होंगे लेकिन विभाग का यहां किसी तरह का दखल नहीं होगा। विभाग की तर्ज पर पंचायतें टीसीपी नियमों के हिसाब से काम करवाएंगी।लाहौल-स्पीति में प्रदेश सरकार ने अटल टनल प्लानिंग एरिया के नाम से टीसीपी एक्ट लागू करने की अधिसूचना जारी की थी।
घाटी में साल 2023 में इसके कड़े विरोध को देखते हुए सरकार ने इसे वापस लिया। अब यहां के लिए क्षेत्रीय योजना बनाई है। यह योजना समूचे जिले में लागू होगी। इस योजना की खासियत यह है कि इसमें नियम तो टीसीपी के ही रहेंगे लेकिन इसे विभाग के बजाय पंचायतें रेगुलेट करेंगी।क्षेत्रीय योजना लागू होने के बाद बिजली और पानी का कनेक्शन लेने के लिए पंचायतों से एनओसी लेनी होगी। ऐसे में जिसका मकान नियमों पर खरा उतरेगा उसे एनओसी जारी होगी। अगर मकान कायदे कानून से बाहर बना होगा तो उसे पंचायतें एनओसी जारी नहीं करेगी।ईकोलॉजी के लिहाज से अत्यधिक नाजुक क्षेत्र होने के कारण यहां 45 डिग्री से अधिक ढलानदार जगह पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं होगी।
मकान निर्माण के दौरान टीसीपी के निर्धारित सेट बैक का अनुसरण करना होगा। मकान निर्माण के लिए कम से कम चार बिस्वा जमीन होना जरूरी होगी।बेतरतीब कंकरीट का जंगल खड़ा न हो इसको लेकर सरकार ने क्षेत्रीय योजना का ड्राफ्ट तैयार किया है। लाहौल-स्पीति टॉपोग्राफी नाजुक है। टनल खुलने के बाद घाटी में बेतरतीब निर्माण शुरू हो गया है। इसे रेगुलेट किया जाना बेहद जरूरी है। प्रदेश में क्षेत्रीय योजना घाटी में पहली बार लागू होने जा रही है। इसमें नियम टीसीपी के होंगे लेकिन इसे रेगुलेट पंचायतें करेंगी।
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