Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

जब डीपीआर ही नहीं बनानी है तो विधायकों के कहने पर काम कैसे होगा?

                                                     विधायक प्राथमिकता बैठकों का होगा बहिष्कार

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी विधायकों का एक ही मत है कि जब डीपीआर ही नहीं बनानी है तो विधायकों के कहने पर काम कैसे होगा। 

ऐसे में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि 3 और 4 फरवरी को विधायक प्राथमिकता बैठकों का बहिष्कार होगा। जयराम ने कहा कि हिमाचल में विधायक संस्था को तबाह किया गया है। विधायक को आठ-आठ घंटे थाने में बैठाया जा रहा है। कभी भी चुने हुए प्रतिनिधि को इतना जलील नहीं किया गया। विधायक निधि के पैसे पर भी ट्रेजरी में सीलिंग लगाई गई है। जयराम बोले कि यह फैसला पीड़ा के साथ लेना पड़ रहा है। बार-बार अपमानित करना बर्दाश्त नहीं। लिखित में प्राथमिकताएं देनी हैं कि नहीं, यह विधायक प्राथमिकता बैठकों में तय होगा।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जब बजट सत्र होता है तो उससे पहले चुने हुए प्रतिनिधि अपनी प्राथमिकताएं देते हैं।



 जनप्रतिनिधि होने के नाते एक चुने हुए विधायक के पास जमीनी जानकारी होती है। जयराम ने कहा कि सीएम ने उपायुक्तों को भी एक सूची भेजी है कि किसके कहने पर काम कर सकते हैं। कांग्रेस के वे लोग जो किसी पद पर नहीं हैं, वे उद्घाटन कर रहे हैं। मंत्री जहां कार्यक्रम में जाते हैं, वहां चुने हुए विधायकों को बुलाया ही नहीं जाता है। तांदी में भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी को मंच से नहीं बोलने दिया गया। विधायक जीआर कटवाल, त्रिलोक जम्वाल, जनकराज के अलावा संजीव कटवाल भी बैठक में रहे।पूर्व मंत्री व भाजपा नेता रमेश धवाला की ओर से देहरा में भाजपा के मंडल अध्यक्षों के चुनाव पर सवाल उठाने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें पार्टी के प्लेटफॉर्म पर ही अपनी बात रखनी चाहिए। जिस तरह से वह सार्वजनिक टिप्पणी कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। भाजपा एक अनुशासित पार्टी हैं। उन्हें संयम से काम लेना चाहिए। भाजपा की पिछली सरकार के कार्यकाल में उन्हें पूरा सम्मान दिया गया। उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर का पद दिया गया। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान क्या पार्टी अध्यक्ष के लिए भी विचार-विमर्श किया? इस जयराम बोले कि बहुत सी बातें हुई हैं।




Post a Comment

0 Comments

भारत के इतिहास में मोदी सरकार का मध्यम वर्ग के लिए एतिहासिक बजट