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आईएएस, एचएएस और सचिवालय सेवाओं के अफसरों पर सरकार ने की सख्ती

                                          अफसर अब बिना अनुमति विदेश दौरों पर नहीं जा सकेंगे

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश सरकार के अफसर अब बिना अनुमति विदेश दौरों पर नहीं जा सकेंगे। विदेशी दौरों को लेकर मनमानी कर रहे आईएएस, एचएएस और सचिवालय सेवाओं के अफसरों पर सरकार ने सख्ती करने का फैसला लिया है। 

बुधवार को कार्मिक सचिव एम सुधा देवी ने विदेश प्रशिक्षण और यात्राओं को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। बिना मंजूरी जाने वाले अधिकारियों को कंडक्ट रूल्स के तहत कार्रवाई के प्रति भी चेताया गया है।कार्मिक विभाग की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, जिला उपायुक्तों, मंडलायुक्तों और निगम व बोर्डों के प्रबंध निदेशकों को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी पत्र में कहा है कि आईएएस, एचएएस और सचिवालय सेवाओं के अधिकारी विदेश जाने के मामले में पहले कार्मिक विभाग से अनुमति लें। बाद में भेजे गए आवेदनों को कंडक्ट रूल्स की अवहेलना माना जाएगा।पत्र में स्पष्ट किया गया है कि आईएएस, एचएएस और एचपीएसएस अधिकारियों के लिए कार्मिक विभाग ही काडर नियंत्रण अथॉरिटी है। 


ऐसे में उनके नाम विदेशों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और दौरों के लिए सीधे तौर पर नहीं भेजे जा सकते हैं। इन्हें कार्मिक विभाग की प्रारंभिक मंजूरी लेनी होगी। कार्मिक विभाग के ध्यान में आया है कि कुछ विभाग कार्मिक विभाग से प्रारंभिक स्वीकृति लिए बगैर ही विदेशी प्रशिक्षण और दौरे के लिए अधिकारियों के नामों की संस्तुति कर रहे हैं। विदेश दौरे के लिए नाम मंजूर किए जाने के बाद ही कार्मिक विभाग में आ रहे हैं।ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं कि काडर क्लीयरेंस के बिना ही कई अधिकारी विदेश दौरे पर भी चले गए हैं। यह कंडक्ट नियमों की पूरी तरह से अवहेलना है। कार्मिक सचिव ने कहा कि भविष्य में आईएएस, एचएएस, एचपीएसएस अधिकारी और विभागाध्यक्षों को विदेश दौरों पर नहीं भेजा जाएगा, जब तक कि उन्हें कार्मिक विभाग की मंजूरी नहीं मिल जाए।


कार्मिक विभाग ने परिपत्र में वर्ष 2016, 2017, 2018 और 2023 के पिछले संचार का संदर्भ देते हुए यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन श्रेणियों का कोई भी अधिकारी कार्मिक विभाग से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किए बिना प्रशिक्षण या छुट्टी सहित कोई भी विदेश यात्रा नहीं करेगा। इसके अलावा नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि अधिकारियों को अपेक्षित मंजूरी नहीं मिली है तो वे विदेश यात्राओं या प्रशिक्षण के लिए उन्हें कार्यमुक्त न करें। निर्देश में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इन प्रक्रियाओं का पालन करने के महत्व को रेखांकित किया गया है।



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