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सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौकरी छोड़ बना नशा त@स्कर,जानिए पूरा मामला

                                                  करीब 15 लाख रुपये सालाना पैकेज मिलता था

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

रातोंरात अमीर बनने के लालच में सॉफ्टयेवर इंजीनियर चिट्टा तस्कर बन गया। अब यह सलाखों के पीछे है। चिट्टा तस्कर संदीप शाह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करता था। उसे करीब 15 लाख रुपये सालाना पैकेज मिलता था।

 शाह के खिलाफ चिट्टा तस्करी के साथ ही दुष्कर्म का मामला भी दर्ज है। पुलिस अब उसके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को भी खंगाल रही है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने की वजह से उसे तकनीक के हर उस पहलू की जानकारी थी, जिससे आम आदमी और पुलिस भी कहीं न कहीं अनजान थी।इसकी बात का फायदा उठाकर वह सालों तक शिमला शहर में ऑनलाइन चिट्टा तस्करी के अवैध कारोबार को चलाता रहा। इसके लिए उसने ऐसे बेरोजगार और नशे के आदी युवाओं का इस्तेमाल किया, जिन्हें पैसे और नशे की जरूरत थी। इन्ही युवाओं के जरिये वह खुद कोलकाता में बैठकर दिल्ली से चिट्टे की तस्करी पहले शिमला और यहां पर विभिन्न लोकेशन में करवाता। शाह इतनी चालाकी से पूरे काम को अंजाम दे रहा था कि किसी को उसकी भनक न लगे। 


उसके लिए तस्करी करने वालों से भी वह सीधे तौर पर कभी नहीं मिलता।नशा खरीदने वाला उसके बताए खातों में ऑनलाइन पेमेंट करता। इसके बाद व्हाट्सएप पर लोकेशन भेजकर नशा लेने के लिए उन्हें कहा जाता। इससे पहले पुलिस वर्ष 2023 में ढली थाना के क्षेत्र में चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया था लेकिन तब भी पुलिस को यह पता नहीं चला कि वह इतने बड़े स्तर पर अंतरराज्यीय चिट्टा तस्करी का नेटवर्क चला रहा है। अभी तक की जांच में 400 के करीब खातों का पता चला है, जिसके जरिये नशे की खरीद-फरोख्त की पेमेंट इधर से उधर होती थी।संदीप शाह कई सालों से उत्तर भारत के पांच राज्यों में नशा तस्करी का अवैध कारोबार कर रहा था। प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर पुलिस का मानना है कि सरगना 25 से 30 करोड़ रुपये की चिट्टा तस्करी को अंजाम दे चुका है।


 

इससे उसके पाकिस्तान समेत विदेशों में अंतरराष्ट्रीय चिट्टा तस्करों के साथ कनेक्शन होने की संभावना से भी मना नहीं किया जा सकता है। खास बात यह है कि नशा तस्करी के लिए संदीप शाह डार्क वेब का इस्तेमाल करता था, जिसमें दुनिया भर के लोग अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसमें हथियारों की तस्करी के अलावा, फिरौती, नशा तस्करी समेत अन्य अवैध गतिविधियों के लिए प्रयोग किया जाता है।अंतरराज्यीय चिट्टा तस्कर संदीप शाह गिरोह के मामले में पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। अभी तक 400 बैंक खातों की पहचान हो चुकी है। सरगना तकनीकी रूप से सक्षम था और पुलिस ने इसी को हथियार बनाकर तकनीकी एक्सपर्ट की मदद से उसके खिलाफ सुबूत जुटाए हैं। मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।



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