हिमाचल प्रदेश के छह कॉलेजों में 50 और 12 में 100 से कम विद्यार्थी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के छह कॉलेजों में 50 और 12 में 100 से कम विद्यार्थी हैं। सरकार के निर्देशों पर कम छात्रों वाले कॉलेजों को बंद करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर दिया है।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इन कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया जाएगा। 150 विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेज 11 हैं। इनको बंद करना है या नहीं, इसको लेकर भी निदेशालय ने प्रस्ताव भेजा है। मंत्रिमंडल की बैठक में तय होगा कि कितने विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेज बंद किए जाएंगे। बंद होने वाले कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नजदीकी संस्थानों में शिफ्ट किया जाएगा। प्रवक्ताओं, गैर शिक्षकों को आवश्यकता वाले कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बतायाकि मुख्यालयों व शहरों के कालेजों में दूरदराज क्षेत्रों के कालेजों के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या बेहतर है।
ऐसे में सरकार गुणात्मक शिक्षा देने के लिए ऐसे कॉलेजों को बंद करने जा रही है जहां बीते कुछ वर्षों से छात्रों के दाखिले नहीं बढ़ रहे हैं।गौरतलब है कि मार्च 2023 में राज्य सरकार ने भाजपा सरकार के समय एक अप्रैल 2022 के बाद खुले 17 डिग्री और दो संस्कृत कॉलेजों को भी बंद कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आग्रह पर सराज विधानसभा का छत्तरी कॉलेज बंद होने से बच गया था। भाजपा सरकार के समय खुले 24 डिग्री कॉलेजों में से जिन 19 कॉलेजों को बंद किया गया है यहां विद्यार्थियों की संख्या शून्य से 61 के बीच ही थी। सरकार ने बनीखेत, छत्तरी, कुपवी, नौराधार और सुबाथू कॉलेज को जारी रखने का फैसला लिया था। बंद किए जाने वाले कॉलेजों में स्वारघाट में 20, बल्हसीना में 20, मशरूंड में 28, गलोड़ में 10, लंबलू में शून्य, बरांडा में छह, कोटला में एक, चढ़ियार में 12, पांगणा में शून्य, पंडोह में 21, बागा चनौगी में तीन, जलोग में शून्य, सतौन में 11, ममलीग में पांच, चंडी में शून्य, बरूणा में 35 और संस्कृत कॉलेज सिंगला में शून्य व जगत सुख में सिर्फ चार विद्यार्थियों ने शैक्षणिक वर्ष 2022 के दौरान दाखिले लिए थे।
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