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रोबोटिक सर्जरी करने के लिए सक्षम उपकरण,जानिए पूरा मामला

                रोबोटिक सर्जरी के टेंडर को चुनौती देने वाली अर्जी हिमाचल हाईकोर्ट में खारिज

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रोबोटिक सर्जरी में याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से किसी दूसरी कंपनी को बिड न देने को लेकर दायर अर्जी खारिज कर दी है। कंपनी की ओर से हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया जाए, ताकि वो दिखा सके कि कंपनी के पास रोबोटिक सर्जरी करने के लिए सक्षम उपकरण है।

कंपनी ने आरोप लगाए कि टेंडर करते वक्त सरकार अपनी मनमर्जी कर रही है। उन्हें बराबर मौका नहीं दिया गया है। उन्होंने याचिका में बिड को दूसरी कंपनी को देने पर रोक लगाने को कहा था। न्यायाधीश राकेश कैंथला की अदालत ने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ डाक्टरों की कमेटी ने कंपनी के उपकरणों में कमी पाई है। इस वजह से सरकार याचिकाकर्ता की ओर से की गई मूल्यांकन की प्रक्रिया को फिर से नहीं कर सकती है।सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता प्रणय प्रताप सिंह ने अदालत को बताया कि हिमाचल सरकार की ओर से गठित कमेटी ने राजीव गांधी कैंसर संस्थान दिल्ली में जांच के बाद टेक्नीकल रिपोर्ट तैयार की।


रिपोर्ट में बताया गया कि टेंडर में जिन मशीनों को उपलब्ध करवाने की शर्तें रखी गई है वो मशीनें कंपनी के पास उपलब्ध नहीं हैं। इसी आधार पर अदालत ने टेक्नीकल बिड को खारिज कर दिया। अदालत ने अंतरिम राहत देने से इंकार करते आवेदन को खारिज कर दिया। उधर, महाधिवक्ता अनूप रत्तन ने कहा कि हिमाचल सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए सरकार ने टांडा और चमियाना में रोबोटिक सर्जरी उपलब्धता करवाने के लिए दो बार टेंडर आमंत्रित किए। पहली बार किसी कारण वश टेंडर रद्द कर दिए लेकिन दूसरी बार सरकार ने एक अन्य कंपनी को टेंडर दिया।


 



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