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ब्रेन हेमरेज के चलते पीजीआई में उपचाराधीन थे सांसद किशन कपूर

                                        पीजीआई में ली अंतिम सांस, 1970 में बने थे जनसंघ के सदस्य

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री व सांसद किशन कपूर का निधन हो गया है। किशन कपूर ब्रेन हेमरेज के चलते पीजीआई में उपचाराधीन थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 73 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से बीमार थे।  उनका अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक गांव धर्मशाला में होगा। 

किशन कपूर का जन्म गांव खनियारा में 25 जून 1951 को पिता हरि राम और माता गुलाबो देवी के घर हुआ। उनकी विवाह रेखा कपूर के साथ हुआ जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर सेवारत हैं।उनके दो बच्चे हैं, बेटे का नाम शाश्वत कपूर और बेटी का नाम प्रगति कपूर है। किशन कपूर की शिक्षा खनियारा और धर्मशाला में हुई थी।  किशन कपूर तीन बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।  एक बार लोकसभा सांसद रहे। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते रहे और पांच बार विधायक रहे। उनके निधन से विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर दाैड़ गई है।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया में जारी पोस्ट में कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री व सांसद किशन कपूर  के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है। 


भाजपा परिवार ने एक बड़े नेता को खोया है, इस क्षति की भरपाई असंभव है। किशन जी ने बतौर मंत्री प्रदेश के विकास एवं जनता के कल्याण के लिए अहम भूमिका निभाई है, उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।किशन कपूर 1970 में जनसंघ के सदस्य बने और 1980 में भाजपा के गठन के बाद 1982 में धर्मशाला मंडल के अध्यक्ष बने, 1990 में वह पहली बार विधायक बने और 1993 में दूसरी बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वे विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक रहे तथा 1995-97 तक वे जिला कांगड़ा के अध्यक्ष भी रहे। किशन कपूर का परिवहन एवं कानून मंत्री तथा खाद्य आपूर्ति एवं शहरी विकास मंत्री के रूप में प्रदेश के विकास कार्यों में अहम योगदान रहा है। 

2019 में हुए लोकसभा चुनावों में किशन कपूर ने कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और देशभर में रिकाॅर्ड मार्जिन से जीत दर्ज की थी।  जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि किशन कपूर एक मधुरभाषी, मिलनसार और एक दूरदर्शी नेता थे। उनसे उनका आत्मियता का नाता रहा है और विधानसभा में उनके साथ उन्हें काम करने का अवसर भी मिला था। उन्होनें किशन कपूर के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए इसे एक अपूर्णीय क्षति बताया है।पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद किशन कपूर के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ उनका निकट का संबंध रहा है। उनके निधन पर उन्हें जो दुख हुआ है, उसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है। शांता कुमार ने दिवंगत नेता के परिवार के प्रति अपने गहरी संवेदना प्रकट की है और भगवान से प्रार्थना की है कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।


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