अब भी डरा रहा है डैम,जुबां पर आरोपों की झड़ी
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
बाढ़ से हुई तबाही को 19 महीने बीत गए। लेकिन हालात वैसे ही हैं। डैम अब भी डरा रहे हैं। लोगों में गुस्सा है। जुबां पर आरोपों की झड़ी है। 2023 में आई बाढ़ के बाद खौफ से अधिकांश घरों की निचली मंजिलें अब भी खाली पड़ी हैं। अलमारियां खोलने पर गाद की बदबू आती है।
अवैज्ञानिक तरीके से अंधाधुंध निर्माण अब भी जारी है। नदी-नालों के किनारे बेहिसाब आबादी बस गई है। सुरक्षा के इंतजाम शून्य हैं। मलबे की वजह से ब्यास नदी करीब 10 फीट ऊपर बह रही है। यह खतरे की घंटी है।मंडी से पंडोह बाजार 17 किमी दूर है। यहां से दो किमी आगे डैम है। 2023 में डैम से पानी छोड़े जाने पर यहां न सिर्फ 150 दुकानें डूब गईं बल्कि घर और सामान भी नहीं बचा। ब्यास पर 1923 में अंग्रेजों का बनाया 100 साल पुराना लाल पुल बह गया। नदी में गिरे इस पुल के 80 फीसदी अवशेष गायब हो चुके हैं। इन्हें कौन ले गया, किसी को पता नहीं। पुल की जगह झूला लगा दिया है।
इसका कोई इस्तेमाल नहीं।नाचन, सराज, द्रंग और मंडी सदर विस क्षेत्रों को पंडोह ही जोड़ता है। द्रंग के लोग पहले लाल पुल से दो किमी का सफर कर पंडोह पहुंच जाते थे। अब दस किमी घूमकर डैम से होकर पंडोह आना पड़ता है। मरम्मत के लिए लाडा के नाम पर हर साल करीब 40 लाख रुपये मिलते हैं लेकिन मौके पर लगता है कि फूटी कौड़ी भी नहीं खर्च की गई। लोग बताते हैं कि 2023 में बाढ़ आई तो 15 मिनट में सब जलमग्न हो गया। शासन-प्रशासन, नेताओं सहित केंद्रीय टीमें पहुंचीं। दिलासा मिला। सुरक्षा के दावे भी किए। धरातल पर पानी इन दावों की हवा कब निकाल दे, कुछ नहीं कह सकते।यही हाल कुल्लू की सैंज घाटी की पिन पार्वती नदी में 520 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना और 100 मेगावाट की सैंज जल विद्युत परियोजना के दो डैम के आसपास भी है।
आरोप है कि डैम से बिना पूर्व सूचना दिए पानी भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा है। इससे नुकसान हो रहा है। बीते तीन सालों से दर्जनों घर और सैकड़ों बीघा जमीन बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं। पार्वती परियोजना के महाप्रबंधक प्रकाश चंद ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के अलावा परियोजना से कोई नुकसान नहीं हुआ है। नियमों के अनुसार पानी छोड़ा जा रहा है।पंडोह से मंडी तक अब एक करोड़ रुपये से आधुनिक हूटर सिस्टम लगेगा। यह ऑटो मोड पर चलेगा। एक घंटा पहले ही पता चल जाएगा कि कितना पानी छोड़ा जा रहा है। बीबीएमबी डेढ़ किमी सुरक्षा दीवार भी लगा रहा है। इस पर 11 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लोगों का आरोप है कि यह दीवार सिर्फ बीबीएमबी की संपत्ति बचाने के लिए ही लग रही है। हमारे के लिए कुछ नहीं।
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