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केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के 1,125 करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे

                                        इस हिस्सेदारी के मिलने से राज्य के विकास को रफ्तार मिलेगी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश को अगले वित्त वर्ष में केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में 1,125.06 करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 10,681 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि 2025-26 में हिमाचल को 11,806.30 करोड़ रुपये मिलेंगे। 

हिमाचल को केंद्रीय करों से मिलने वाली अपनी कुल हिस्सेदारी 0.830 प्रतिशत है। इस हिस्सेदारी के मिलने से राज्य के विकास को रफ्तार मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आम बजट में अनुदान मांगों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्रीय करों के रूप में हिमाचल को मिले 10,681 करोड़ रुपये में से प्रदेश को 10,575.20 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए थे।कैग के सत्यापन के बाद वर्ष 2023-24 के केंद्रीय करों का अधिशेष भी इसमें शामिल किया गया। इससे केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में हिमाचल को 10,681 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। आम बजट के अनुसार वर्ष 2025-26 में हिमाचल को 11,806.30 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें 3,296.72 करोड़ रुपये कारपोरेट टैक्स के रूप में शामिल होंगे।


 इसके अलावा 4,398.79 करोड़ रुपये आयकर में हिस्सेदारी के रूप में मिलेंगे। केंद्रीय जीएसटी के रूप में 3,437.11 करोड़ रुपये मिलेंगे। कस्टम से 543.42, यूनियन एक्साइज से 112.90, सेवा कर से 0.34 और अन्य करों से 17.02 करोड़ रुपये हासिल होंगे।केंद्रीय बजट में हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के दुर्गम क्षेत्रों में अनुदानित दरों पर हेलिकाप्टर सेवाओं के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साल 2023-24 के बजट में 4.77 करोड़ और साल 2024-25 में 5 करोड़ का प्रावधान किया था। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर के अलावा लद्दाख और पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लिए भी राशि का प्रावधान किया है।केंद्रीय बजट में बिलासपुर के एम्स को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में शामिल करने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में स्थापित पात्र इकाइयों को जीएसटी व्यवस्था में परिवर्तन के दौरान सहायता देने के लिए दावों की प्रतिपूर्ति की जाएगी जो 30 जून, 2027 से आगे नहीं होगी।




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