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एक टांग नहीं होने पर भी अजय ने रचा इतिहास सरकार ने अढाई करोड़ देकर किया सम्मानित

मंडी,रिपोर्ट 
पैरा एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर एथलैटिक्स में रजत पदक जीतकर इतिहास रचने वाले मंडी जिले के अजय कुमार को उनकी उपलब्धियों के लिए राज्य सरकार द्वारा 2.50 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया है। वर्ष 2023 में चीन में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में अजय कुमार ने रजत पदक जीता था जिसके चलते इन्हें यह पुरस्कार राशि मिली है। वर्तमान में ये 5वें पैरा एशियाई खेल 2026 और पैरालिम्पिक खेलों में पदक का लक्ष्य लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
अजय कुमार का जन्म 28 जुलाई, 1990 को जिला मंडी के नगवाईं में चुन्नी लाल के घर हुआ। बचपन से ही दिल में देश सेवा का सपना देखते हुए अजय 2010 में भारतीय सेना में भर्ती हुए। जम्मू-कश्मीर के उड़ी क्षेत्र में तैनाती के दौरान 14 नवम्बर, 2017 को एक आर्मी ऑप्रेशन में दुश्मनों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। इसके बाद भी अजय ने हार नहीं मानी और कुछ करने की ठानी। 

वर्ष 2018 में अजय के किसी परिचित ने उन्हें हिमाचल प्रदेश पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के संस्थापक और महासचिव ललित ठाकुर से मिलवाया। अजय को दौड़ने का शौक था, जिसके चलते इन्होंने कृत्रिम पैर से दौड़ने का अभ्यास शुरू किया। आर्टिफिशियल लिम्ब सैंटर पुणे ने उन्हें चीता रनिंग ब्लेड मुहैया करवाया, जिसकी मदद से वे कुछ ही समय में दौड़ने में कुशल हो गए। इसके बाद अजय कुमार ने पैरा एथलैटिक्स खेलों दौड़, शॉटपुट व जैवलिन थ्रो आदि में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। वर्ष 2021 में इन्हाेंने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की पैरा चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और 6 स्वर्ण और 3 रजत पदक जीते। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बूते उन्होंने वर्ष 2023 पैरा एशियाई खेलों में हिस्सा लिया जिसमें इन्होंने रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

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एक टांग नहीं होने पर भी अजय ने रचा इतिहास सरकार ने अढाई करोड़ देकर किया सम्मानित