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कैसे गेहूं के लिए आत्मनिर्भर बनेगा हिमाचल,जानिए

                                                            अन्य राज्यों से नहीं करेगा खरीदारी

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

गेहूं के बीज के लिए हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। प्रदेश के किसान ही अब अच्छी क्वालिटी का बीज तैयार कर कृषि विभाग को अच्छे दामों पर बेच सकते हैं। 

प्रदेश में कृषि विभाग ने बीज उत्पादन कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम के तहत किसानों को पंजीकरण करवाना होगा। इसके बाद विभाग की ओर से किसानों को बेहतर क्वालिटी वाला बीज मुहैया करवाया जाएगा। इसके बाद जब फसल तैयार होगी तो विभाग की ओर से क्वालिटी बीज को अच्छे दामों पर खरीदा जाएगा। इससे किसानों की भी अच्छी कमाई होगी।


जानकारी के अनुसार जब किसानों की गेहूं की फसल तैयार होती है तो उन्हें मंडियों में प्रति क्विंटल गेहूं का दाम दो हजार रुपये तक ही मिलता है, लेकिन बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत किसानों को गेहूं का दाम 2500 रुपये से अधिक मिलेगा। प्रदेश में पिछले साल विभाग ने पंजीकृत किसानों से 17 हजार क्विंटल गेहूं का बीज खरीदा था। बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत किसानों को बीज उत्पादन के लिए जरूरी जानकारी दी जाती है। जरूरी तकनीकों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।


प्रदेश में सरकार की ओर से बीज उत्पादन कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें किसानों का पंजीकरण किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत किसान खुद गेहूं का बीज तैयार करेंगे और इसे कृषि विभाग अच्छे दामों पर खरीदेगा। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी और बीज के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पिछले वर्ष विभाग ने 17 हजार क्विंटल के करीब बीज प्रदेश में तैयार करवाया है, जिसके लिए विभाग ने किसानों को पंजीकृत किया है।


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