13 अलग-अलग जगहों पर करवाई गई बोरिंग
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
शिमला-बिलासपुर प्रस्तावित फोरलेन में बनने वाली दो मुख्य टनल निर्माण से पहले इसकी मिट्टी जांच के लिए चल रही बोरिंग का कार्य समाप्त हो गया है।
एनएचएआई की टीम ने यहां पर 13 अलग-अलग जगहों पर बोरिंग करवाकर कुछ मिट्टी और पत्थर निकाले। बोरिंग से निकले मिट्टी और पत्थर मंगलवार को जांच के लिए एनएचएआई की प्रमाणित लैब में भेजे गए। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही अब आगामी निर्माण शुरू होगा। यदि यहां पर मिट्टी और पत्थर की रिपोर्ट सही आई तो टनल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
शिमला से बिलासपुर तक बनने वाले फोरलेन में प्रथम चरण में शालाघाट से नौणी तक निर्माण होना है।इसमें करीब 9 किलोमीटर का हिस्सा जिला बिलासपुर जबकि करीब 19 का हिस्सा सोलन के अर्की क्षेत्र में पड़ेगा। अर्की क्षेत्र में नलाग से शालाघाट तक बनने वाले फोरलेन में दो सुरंगों का निर्माण होना है। इसमें शालाघाट के सरी गांव से रेवटा (पिपलूघाट) के समीप तक 3800 मीटर की टनल बनाई जाएगी और दूसरी बानण से सुसाय गांव तक करीब 300 मीटर की टनल का निर्माण होना है।
टनल निर्माण से पूर्व बोरिंग का कार्य होना था जो 20 जनवरी को पूरा हो गया। एक माह तक चले इस बोरिंग कार्य के दौरान निकला पत्थर व मिट्टी जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है, वहीं अब इसकी रिपोर्ट आने के बाद अगला कार्य शुरू होगा। उधर, एसडीएम अर्की यादविंदर पॉल ने बताया कि प्रस्तावित फोरलेन में बनने वाले दो टनलों से पहले बोरिंग कार्य को लेकर पत्थर और मिट्टी लैब टेस्टिंग के लिए भेजी है। रिपोर्ट आने के बाद टनल निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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