प्रवेश के लिए बने नियमों की अनदेखी करने के आरोप
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
एचपीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) में इलेक्टिकल इंजीनियरिंग नवंबर में हुई पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से हुई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने जांच के लिए कमेटी का गठन करने के निर्देश दे दिए हैं।
कमेटी को अधिसूचित कर दिया गया है। विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम की अध्यक्षता में बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी में विवि की अधिष्ठाता छात्रा कल्याण प्रो. ममता मोक्टा, डीन फेकल्टी फिजिकल साइंस प्रो. मनु सूद, डीन फेकल्टी इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के अलावा उप-कुलसचिव डीएस कार्यालय को सदस्य बनाया गया है।कमेटी को पीएचडी प्रवेश की पूरी प्रक्रिया की छानबीन कर तथ्यों के आधार पर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। पीएचडी प्रवेश के इस मामले में शिकायतकर्ता ने प्रवेश के लिए बने नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं।
बिना प्रवेश परीक्षा के मेरिट आधार पर पीएचडी में प्रवेश के लिए अन्य विभागों के सितंबर में आवेदन आमंत्रित किए गए। आमतौर पर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को पास कर फेलोशिप लेने वालों की मेरिट तैयार कर प्रवेश दिया जाना था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि अन्य सभी विभागों में नियमों में प्रवेश हुआ, मगर यूआईटी में आए एकमात्र आवेदन पर ऐसे अभ्यर्थी को प्रवेश दे दिया गया, जो पात्रता की अनिवार्य शर्त को पूरा नहीं करता था।उससे पांच हजार फीस भी ले ली गई। यूआईटी की वेबसाइट पर इस प्रवेश के निर्देशों को भी अपलोड कर दिया गया।
मामले को लेकर सीएम हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत किए जाने के बाद मामला उजागर हुआ, तो विवि के निदेशक और डीएस की ओर से बयान दिया गया कि पीएचडी में प्रवेश को अभी संकाय की स्टेंडिंग कमेटी से मंजूरी नहीं मिली है, इसलिए यह प्रवेश नहीं माना जा सकता है। 15 जनवरी को विश्वविद्यालय ने स्टेंडिंग कमेटी का गठन कर इसे अधिसूचित जरूर किया है। अब कुलपति ने मामले की छानबीन को कमेटी बनाकर अधिसूचित की है, तो अब कमेटी की रिपोर्ट कुलपति को सौंपे जाने के बाद ही कुलपति पीएचडी प्रवेश क इस मामले पर कोई फैसला लेंगे।
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