देवताओं के साथ देवलु पहुंचेंगे दलगांव
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
रोहड़ू उपमंडल के दलगांव में वीरवार से देवता महाराज बकरालू का भूंडा महायज्ञ शुरू हो जाएगा। पहले दिन महायज्ञ में संघेड़ा रस्म के साथ देवताओं का आगमन होगा।
देवताओं के साथ हजारों देवलु हथियारों से लैस होकर भूंडे में पहुंचेंगे। भूंडा महायज्ञ दो जनवरी से पांच जनवरी तक होगा। स्पैल वैली के दलगांव में 40 वर्ष बाद भुंडा महायज्ञ मनाया जा रहा है।महायज्ञ का आगाज वीरवार दो जनवरी को संघेड़ा रस्म के साथ होगा। तीन जनवरी को मंदिर में शिखा पूजन की रस्म निभाई जाएगी। चार जनवरी को बेड़ा डालने की मुख्य रस्म होगी।
इसमें रस्सी को ऊंची पहाड़ी से नीचे तक बांधा जाएगा। रस्सी पर काठ की घोड़ी पर बेड़े (देवता की ओर से चयनित व्यक्ति) को बैठाकर पहाड़ी से नीचे छोड़ा जाएगा। रस्सी पर फिसलकर बेड़ा पहाड़ी से दूसरे छोर तक जाता है। यह भूंडा महायज्ञ की मुख्य रस्म होगी। पांच जनवरी को उछड़-पाछड़ रस्म के साथ महायज्ञ का समापन होगा। दलगांव में वर्ष 1985 में भूंडा महायज्ञ हुआ था। उसके बाद अब जनवरी 2025 में महायज्ञ हो रहा है।भूंडा महायज्ञ के लिए परिवहन निगम रोहड़ू से दलगांव आने जाने के लिए 50 बसें चलाएगा। वीरवार दो जनवरी को सुबह सात बजे से बस सेवाएं आरंभ कर दी जाएंगी।
शाम छह बजे तक बसें रोहड़ू से दलगांव आती जाती रहेंगी। भूंडा के पहले दिन वीरवार को हर आधे घंटे में बसें रोहड़ू से दलगांव के लिए चलेंगी। दूसरे और तीसरे दिन 15 मिनट के अंतराल में बसें रोहड़ू से दलगांव के लिए चलती रहेंगी। दलगांव आने जाने के लिए रूट वन वे रहेगा। महायज्ञ में एक लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है। इसको देखते हुए प्रशासन की ओर से ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। दलगांव से कुटाडा तक मुख्य सड़क के बीच किसी भी वाहन को पार्किंग की अनुमति नहीं होगी। लोग अपने वाहन से मुख्य स्थल दलगांव तक जा तो सकते हैं। लेकिन वाहन कहीं भी खड़े नहीं कर सकेंगे। अग्निशमन, एंबुलेंस और पुलिस सहायता कक्ष, दलगांव में स्थापित रहेगा।
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