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पशुपालन विभाग का निदेशक बनने के लिए क्यों मचा घमा@सान,जानिए

                                                     पशुपालन निदेशक के लिए दिल्ली पहुंची जंग

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

पशुपालन विभाग का निदेशक बनने के लिए विभागीय अधिकारियों में घमासान मच गया है। खास बात यह है कि निदेशक पद पर पदोन्नत होने के लिए जंग दिल्ली तक पहुंच गई है। 

इन दिनों विभाग में निदेशक बनने के लिए खूब घमासान चल रहा है। संयुक्त निदेशक डॉ. संजीव धीमान ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर योग्यता और वरिष्ठता के मापदंडों के आधार पर उन्हें पदोन्नत कर पशुपालन विभाग के निदेशक पद पर तैनाती देने का आग्रह किया है। संयुक्त निदेशक डॉ. विशाल शर्मा ने भी सरकार को पत्र लिखकर उन्हें वरिष्ठता के मापदंडों पर निदेशक पद पदोन्नत करने की मांग उठाई है।


मौजूदा निदेशक को 6 माह का सेवा विस्तार देने की कवायद शुरू होने के बाद संबंधित मामला हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के समक्ष भी पहुंच गया है। आयोग को पत्र लिखकर बताया कि अनुसूचित जाति से होने के कारण समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के अधिकारी और कर्मचारियों के हितों की रक्षा राज्य का कर्तव्य है। इसलिए अन्याय नहीं होना चाहिए।


योग्यता और वरिष्ठता के मापदंडों पर मैं पशुपालन विभाग के निदेशक पद पर तैनाती के लिए पात्र हूं। मौजूदा निदेशक को सेवा विस्तार दिया जाता है तो इससे मुझे 6 माह का नुकसान होगा।31 जनवरी को मैं सेवानिवृत हो रहा हूं। अगर मुझे निदेशक पद पर पदोन्नति नहीं मिलती तो संयुक्त निदेशक पद से ही सेवानिवृत्त हो जाऊंगा। सरकार ने सेवा विस्तार संबंधी नियमों में बदलाव किया है। उम्मीद है सरकार नियमों-कानूनों के दायरे में ही फैसला लेगी।


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