सुक्खू ने धर्मशाला में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कही
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2025 सरकार के लिए प्रदर्शनकारी वर्ष है और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य के विकास के लिए सहयोग देना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री सुक्खू ने धर्मशाला में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कही।
उन्होंने कार्यों में देरी की प्रथा समाप्त करने के निर्देश दिए और कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसे विलंबित भ्रष्टाचार माना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी योजनाओं के लिए बजट मुहैया करवा रही है और विकास के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने देंगे। उन्होंने हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के लक्ष्य को दोहराया और विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कल्याणकारी योजनाएं लाभार्थियों तक पहुंचें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। स्वास्थ्य संस्थानों के लिए आधुनिक उपकरण खरीदने पर 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे कि घर द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
उन्होंने पठानकोट-मंडी और मटौर शिमला फोरलेन पर पांच मीटर का मध्य क्षेत्र रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवारों के लिए चयन मानदंड में बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए आय सीमा बढ़ाकर सालाना 1.50 लाख रुपये की गई है और अब एक नया सर्वेक्षण अप्रैल में होगा। मुख्यमंत्री ने किसानों को ड्रैगन फ्रूट और ब्लूबेरी जैसे फलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। साथ ही कांगड़ा में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने और हरित पंचायतों के निर्माण में तेजी लाने को कहा। सीएम ने कहा कि देहरा के बनखंडी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्राणी उद्यान का पहला चरण अप्रैल 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के बनाए उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के साथ उनके लिए शहरी क्षेत्रों में बने शॉपिंग कांप्लेक्स में दुकानें आवंटित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि बीते वर्ष की आपदा के दौरान राज्य सरकार ने प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा में पूरी तरह से नष्ट हो चुके 383 घरों के पुनर्वास के लिए दो किस्तें जारी कर दी गई हैं और तीसरी जल्द जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना से कांगड़ा के 995 बच्चे लाभान्वित हुए हैं। जबकि इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत 18 वर्ष से कम आयु के 5,602 और 27 वर्ष तक के 543 लाभार्थियों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि रक्कड़ और पालमपुर में हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए निविदाएं इसी महीने खोली जाएंगी। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। कांगड़ा जिले में 8,894 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और उनकी मैपिंग आवश्यक है।
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