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हजारों क्विंटल धान को सरकारी अनदेखी का लगा कीड़ा

                                                 धान फतेहपुर के मिलवां और मंड के गोदामों में रखा

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के गोदामों में रखे हजारों क्विंटल धान को सरकारी अनदेखी का कीड़ा खा रहा है। सरकारी गोदामों में रखे धान पर खाद्य आपूर्ति विभाग और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की अनदेखी भारी पड़ गई।  यह धान फतेहपुर के मिलवां और मंड के गोदामों में रखा गया, लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग और निगम ने इसे समय पर शिफ्ट नहीं किया और इसे कीड़ा लग गया।

 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से हुई इस धान की खरीद के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। दोनों विभाग जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि अब इस खराब धान को लेने से मिल वालों ने भी मना कर दिया है। विभाग और निगम की लापरवाही के कारण कीड़े ने धान और चावल को खाना शुरू कर दिया है। गोदाम कीड़ों से भरे पड़े हैं। जो धान मिल को भेजा जा रहा है, उसमें से 50 फीसदी चावल टूट जा रहा है। इससे मिल संचालक को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही प्रदेश सरकार को भी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। धान खरीद के लिए जो नोडल एजेंसी बनाई गई है, उसने दो माह पहले खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को इस धान को ऊना शिफ्ट करने के लिए कहा था। 


पर अधिकारियों ने धान कहीं नहीं भेजा।जिला कांगड़ा में विभाग ने 13,465 मीट्रिक टन धान खरीदा था। इसमें 4,364 मीट्रिक टन मिल भेज दिया था। वहीं, 8,481 मीट्रिक टन धान को गोदाम में भेजा गया था, जिसमें से 2,788 मीट्रिक टन धान गोदाम से मिल भेजा। गया है। अभी गोदाम में 5,692 मीट्रिक टन धान सड़ रहा है। जिस हिसाब से मिल में धान से चावल निकाला जा रहा है, उस रफ्तार से अप्रैल से पहले कार्य पूरा नहीं होगा।खाद्य आपूर्ति विभाग का काम धान किसानों से मंडियों में इकट्ठा करना था। धान को गोदाम पहुंचाया जा चुका है। अब विभाग का कोई लेना-देना नहीं है। इसके लिए राज्य नागरिक आपूर्ति निगम जिम्मेवार है।धान ऊना शिफ्ट करने के लिए दो माह पहले अधिकारियों को कहा था, लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग ने उस समय ट्रक किराया ज्यादा होने की बात कही, जबकि पहले विभाग की ओर से किराया तय किया था। इस वजह से अब धान गोदामों में कीड़ा लगने के कारण खराब हो रहा है। 




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