कमेटी रेगुलेशन और पीएचडी में प्रवेश के नियमों का प्रारूप तैयार करेगी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत पीएचडी में प्रवेश के यूजीसी के नए रेगुलेशन अपनाएगा। इसके अनुसार अब विश्वविद्यालय पीएचडी में प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा।
नए रेगुलेशन के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से साल में दो बार आयोजित की जाने वाले नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) के स्कोर और साक्षात्कार के अंकों के आधार पर ही पीएचडी में प्रवेश के लिए मेरिट तैयार होगी।यूजीसी के नए रेगुलेशन अपनाने के लिए वरिष्ठ प्रोफेसर और डीन की कमेटी गठित की गई है। कमेटी रेगुलेशन और पीएचडी में प्रवेश के नियमों का प्रारूप तैयार कर रही है। विवि की एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद इसे ईसी में रखा जाएगा। ईसी की अंतिम मंजूरी के बाद इसे विवि आर्डिनेंस में शामिल किया जाएगा। प्रक्रिया को पूरा करने के बाद विवि जून और दिसंबर में संचालित की जाने वाली पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करेगा।
हिमाचल विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने माना कि यूजीसी के नए रेगुलेशन को पीएचडी प्रवेश में लागू किया जाएगा। इस पर काम शुरू कर दिया है। विवि अपने स्तर पर पीएचडी में दाखिले के लिए कोई प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा। नेट के स्कोर में से 70 अंक और साक्षात्कार के 30 अंकों में से प्राप्तांक की मेरिट आधार पर पीएचडी में प्रवेश मिलेगा। एचपीयू अभी तक पुराने पैटर्न पर पीएचडी में प्रवेश परीक्षा आधार और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कॉलरशिप परीक्षा पास विद्यार्थियों को मेरिट आधार पर प्रवेश देता रहा है।राष्ट्रीय स्तर की नेट परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थी तीन वर्ग पात्र होंगे।
इसमें पहली में नेट जेआरएफ के साथ पीएचडी में प्रवेश और सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति के पात्र होंगे। दूसरे में नेट पास बिना जेआरएफ के पीएचडी प्रवेश और सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। तीसरे सिर्फ पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्र होंगे। नए नियमों के अनुसार जेआरएफ को पीएचडी डिग्री रेगुलेशन के लिए तय न्यूनतम स्टैंडर्ड-रेगुलेशन-2022 के अनुसार साक्षात्कार आधार प्रवेश मिलेगा। बिना जेआरएफ के श्रेणी दो और तीन में आने वाले विद्यार्थियों के लिए नेट स्कोर में से 70 फीसदी और पीएचडी प्रवेश के लिए होने वाले इंटरव्यू में 30 फीसदी में से मिलने वाले अंकों की संयुक्त मेरिट तैयार कर प्रवेश सूची तैयार की जाएगी। श्रेणी दो और तीन में बिना जेआरएफ वाले नेट पास विद्यार्थी एक साल के पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होंगे।
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