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पानी आपूर्ति घोटाले में विजिलेंस ने सरकार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी

                                       अब पानी के इस गड़बड़झाला मामले में कानूनी राय ली जा रही है

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों से पानी की आपूर्ति में करोड़ों के गड़बड़झाला मामले में विजिलेंस ने सरकार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

शुक्रवार को विजिलेंस के अधिकारियों ने यह रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा को दी। उन्होंने इस मामले में विजिलेंस जांच के निर्देश दिए थे। अब पानी के इस गड़बड़झाला मामले में कानूनी राय ली जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कांगड़ा दौरे पर हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी राज्य से बाहर हैं। सचिवालय आने पर उनसे इस मामले पर चर्चा की जानी है। सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में विजिलेंस ने कई खुलासे किए हैं। मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कई कई परतें खुलेगी।विजिलेंस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। सूत्र बताते हैं कि जल शक्ति विभाग के निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और लोगों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे हैं।


जल शक्ति विभाग की ओर से जारी किया किए गए टेंडर की शर्तों के मुताबिक कार्य नहीं हुआ है। शर्तों के मुताबिक लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की सप्लाई की जानी थी, लेकिन जांच में सामने आया है कि ठेकेदार ने इस स्थान से टैंकरों और पिकअप में पानी भरा ही नहीं। टैंकर और पिकअप के चालक नालों से पानी भरकर ले गए।आरोप हैं कि ठेकेदारों ने जल शक्ति विभाग के दफ्तर में कर्मचारियों के साथ मिलकर बिल तैयार किए हैं। इसमें निलंबित इंजीनियरों, लिपिक की लापरवाही सामने आई है। अधिशासी अभियंता ने जूनियर इंजीनियरों की ओर से तैयार किया गया बिल बिना जांचे आगे सरका दिए गए हैं। पैसा जारी करने के लिए फाइल एसडीएम को भेजी गई। इसके बाद इन ठेकेदारों को पेमेंट जारी कर दी गई। ठियोग विधानसभा क्षेत्र में पानी के गड़बड़झाले में विजिलेंस ने 90 लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं। यह पूछताछ एसडीएम ठियोग, निलंबित इंजीनियर, टैंकर चालकों और ठेकेदारों से हुई है।






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