प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बड़ी मुश्किल से अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंची थीं
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
जगह शिमला और दिन था 25 जनवरी 1971। बर्फ गिर रही थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बड़ी मुश्किल से अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंची थीं। उन्होंने रिज मैदान से हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व की घोषणा की थी। इस तरह हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य बना।
तब से लेकर आज तक हिमाचल प्रदेश ने उतार-चढ़ावा वाला एक लंबा सफर तय किया है। 54 वर्षों के दाैरान इस प्रदेश ने अनेकों सरकारें देखी हैं, जिन्होंने राज्य को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया है। सीमित संसाधनों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के नाम आज कई बड़ी-बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं। हर वर्ष 25 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है। इस बार हिमाचल 55वां राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस मना रहा है। 54 साल के हिमाचल ने कई पायदान चढ़े हैं और देश के पहाड़ी राज्य के लिए मिसाल बना है।
उस वक्त कई संस्थाएं हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के खिलाफ भी थीं। बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बाद हिमाचल को राज्यत्व का दर्जा दिया गया। तब डॉ. यशवंत सिंह परमार हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने थे। हिमाचल प्रदेश देश की आजादी के पूरे आठ महीने बाद क्षेत्र की 30 रियासतों को एकीकृत किया गया और 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश का गठन किया गया। 1 नवंबर 1966 को पंजाब को मान्यता दिए जाने के साथ ही इसके कुछ क्षेत्रों को भी हिमाचल प्रदेश में शामिल कर लिया गया। महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया। उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10,451 वर्ग मील और जनसंख्या 9,83,367 थी। अब जनसंख्या 70 लाख से ज्यादा हो गई है। वर्ष 1950 को हिमाचल को ‘सी’ स्टेट का राज्य का दर्जा देकर विधानसभा के गठन का प्रावधान कर दिया गया।
25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बना दिया गया। राज्य की सीमा उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में चीन अधिकृत तिब्बत से लगती है।मार्च 1952 में डॉ. परमार ने इस प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की और अपने तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया। जुलाई 1954 में बिलासपुर को हिमाचल में मिलाकर इसे प्रदेश का पांचवां जिला बनाया गया। 1956 में ‘स्टेट्स रिआर्गेनाइजेशन एक्ट’ लागू होने के बाद 31 अक्तूबर 1956 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा समाप्त करके उसकी जगह यहां टेरिटोरियल काउंसिल बना दी गई। पहली नवंबर, 1956 को हिमाचल प्रदेश केंद्र शासित राज्य बना। वर्ष 1963 में ‘गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटोरीज एक्ट’ पास करके पहली जुलाई 1963 को टेरिटोरियल काउंसिल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में परिवर्तित किया गया। परिणामस्वरूप डॉ. वाईएस परमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
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