नाहन में फिर शाही शान से दौड़ेगी महाराजा सिरमौर राजेंद्र की ब्यूक कार
सिरमौर,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के नाहन में महाराजा सिरमौर राजेंद्र प्रकाश की ओर से 1940 में खरीदी ब्यूक कार फिर शाही शान से दौड़ेगी। दरअसल वर्तमान में इस गाड़ी का जयपुर में मरम्मत कार्य चल रहा है।
इसके बाद इससे नाहन लाया जाएगा। इसे लेकर नाहनवासियों में काफी उत्साह है। नाहन शहर का इतिहास करीब 400 वर्ष पुराना है। नाहन प्रकाश वंश की राजधानी रहा है। इसलिए वर्तमान में इससे जुड़ी हर ऐतिहासिक वस्तु नई पीढ़ी व पर्यटकों के लिए रोमांच पैदा करने वाली होती है। जानकारी के अनुसार महाराजा सिरमौर की गाड़ी की फिलहाल मरम्मत की जा रही है, जिससे वह नाहन में उसी अंदाज में दिखाई दे जो महाराजा के समय में होती थी।इस गाड़ी को लेकर महाराज सिरमौर शहर में घूमते थे और आसपास के क्षेत्रों में होने वाले आयोजनों में भी इसी गाड़ी को प्रयोग करते थे।
गाड़ी अकसर महाराजा के शिमला रोड के समीप शाही गैराज में पार्क रहती थी। बताया जा रहा है कि गाड़ी को 3 साल पहले नाहन के तंबू खाने से जयपुर ले जाया गया था। लेकिन अब महाराजा की यह गाड़ी नाहन के शाही महल में वापस लाई जाएगी। शाही परिवार से जुड़े कंवर अजय बहादुर सिंह ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि महाराजा की गाड़ी शहर में फिर उसी अंदाज में दिखाई देगी। उन्होंने बताया कि गाड़ी को उस समय महाराजा सिरमौर ने 40 हजार रुपये में खरीदा था।ऐतिहासिक चौगान मैदान के समीप तंबू खाना में महाराजा राजेन्द्र प्रकाश की वेगन गाड़ी भी आकर्षण का केंद्र रहती है।
इस गाड़ी का प्रयोग मालवाहक के रूप में किया जाता था। महाराजा राजेन्द्र प्रकाश ने डियू व वेगन दोनों गाड़ियों को 1940 में दिल्ली से खरीदा था। इस गाड़ी का प्रयोग महल में सामान लाने ले जाने के लिए किया जाता था। यह गाड़ी पंजाब, अंबाला से भी सामान लाने के लिए प्रयोग की जाती थी। वर्तमान में यह गाड़ी नाहन के तंबूखाना में रखी गई है। तंबूखाना वह स्थान है, जहां शाही आयोजन को लेकर एक बड़े तंबू के साथ स्टेज, कुर्सियां होती थीं। वर्तमान में इस गाड़ी की हालत बेहद खराब स्थिति में है।
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