एशिया के पहले सरकारी पैराग्लाइडिंग स्कूल का 25 जनवरी को होगा लोकार्पण
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग घाटी के बीड़ में 29 कनाल भूमि पर 10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार एशिया के पहले पैराग्लाइडिंग स्कूल के उद्घाटन का समय आखिरकार आ ही गया।
वर्ष 2015 में खेल मंत्रालय के स्वीकृत बजट से तैयार यह स्कूल पिछले चार वर्षों से शुरुआत होने की राह देख रहा है। 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस स्कूल का शुभारंभ करेंगे। प्रदेश में आए दिन इस साहसिक खेल के नियमों की अनदेखी के चलते दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं और इस स्कूल की शुरुआत से निश्चित तौर पर इन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा। इस स्कूल से प्रशिक्षित पैराग्लाइडर पायलट को खेल मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र जारी होगा। इस साहसिक खेल की अधिकांश दुर्घटनाओं के पीछे नियमों की अनदेखी या फिर पायलट की नासमझी का ही हाथ रहा है।मुख्यमंत्री एशिया के पहले सरकारी पैराग्लाइडिंग स्कूल का शुभारंभ करेंगे, लेकिन स्कूल को आगे चलाने को लेकर स्थिति असमंजस की है।
इस बड़े भवन में कभी स्कूल और कभी होटल शुरू करने की बातें सामने आती रही हैं। पर्यटन विभाग, पर्यटन विकास निगम, पर्वतारोहण संस्थान मनाली और प्रदेश के युवा सेवाएं एवं खेल विभाग को इसका संचालन का जिम्मा देने को लेकर आए दिन बातें सामने आती रही हैं। इस भवन का जिम्मा पर्वतारोहण संस्थान और पर्यटन विकास निगम को संयुक्त रूप से दिए जाने पर एक बात साफ हो गई है कि इस बड़ी क्षमता के भवन में पैराग्लाइडिंग स्कूल के साथ-साथ पर्यटन गतिविधियां भी शुरू होंगी।इस स्कूल को 29 कनाल भूमि देने वाली बीड़ पंचायत के प्रधान सुरेश ठाकुर का कहना है कि यह भवन बड़ी क्षमता का है और इसमें स्कूल के साथ-साथ पर्यटन गतिविधियों के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान ने बताया कि मनाली के अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान और एचपीटीडीसी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा का कहना है कि इस भवन में खेल और पर्यटन गतिविधियों की शुरुआत से बीड़ के पर्यटन व्यवसाय पर अनुकूल असर पड़ेगा। विधायक किशोरी लाल ने बत कि यह भवन कांग्रेस सरकार की देन रहा है।
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