वह विपक्ष का सामना करने से रही है डर
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार प्रदेश के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती है। इसलिए वह विपक्ष का सामना करने से डर रही है।
अतः विधानसभा का सत्र बहुत छोटा रखा गया है। इस बार हिमाचल के इतिहास का सबसे छोटा विधानसभा सत्र रखा है। मात्र चार दिन में प्रदेश के इतने मुद्दों पर कैसे बात होगी? उनके मुद्दे कैसे हल होंगे। सुनने में आ रहा है कि सत्र के चार दिनों में से दो दिन मुख्यमंत्री स्वयं नहीं रहेंगे तो किस बात का सत्र आयोजित किया जा रहा है? क्या मुख्यमंत्री की व्यस्तताओं के हिसाब से सत्र नहीं रखा जाना चाहिए था?
सदन में जनता के मुद्दों पर बात होती है। प्रदेश की समस्याओं के हल के निकाले जाते हैं, ऐसे में सिर्फ कोरम पूरा करने कि लिए विधानसभा का सत्र आयोजित करना निंदनीय है।जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार विधानसभा सत्र का समय बढ़ाए जिससे ज्यादा समय मिल सके। प्रदेश में सरकार की नाकामियों की वजह से मुद्दों की भरमार है। हर वर्ग सरकार की नाकामियों की वजह से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सरकार अपनी एक भी गारंटी को पूरा नहीं कर पाई है। प्रदेश में हर जगह सरकार के संरक्षण में लूट मची हुई है। सत्ता प्रायोजित भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब भ्रष्टाचार के जांच की आंच में मुख्यमंत्री कार्यालय भी झुलस रहा है। जिसका जवाब प्रदेश के लोग चाहते हैं।
युवा सड़कों पर है। बेरोजगारी चरम पर है। सरकार द्वारा नौकरियां निकाली नहीं जा रही हैं। पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया के रिजल्ट सरकार द्वारा रोके जा रहे हैं। आपदा प्रभावितों को अभी तक राहत नहीं मिल पाई है।ऐसे में सरकार इतना छोटा सत्र रखकर जनता के मुद्दों को दबाना चाहती है। सरकार जनता के भले के लिए होती है, लेकिन हिमाचल में सरकार के ऐसे सिद्धांत दिखाई नहीं पड़ते हैं। ऐसे में विपक्ष को जनहित के मुद्दों पर सरकार से प्रश्न करने से रोकने के लिए विधानसभा के सत्र को छोटा करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार अपनी नाकामियों से अब भाग नहीं सकती है, सदन नहीं तो सड़क पर सरकार को विपक्ष का सामना करना ही पड़ेगा। जनहित के लिए सरकार सत्र का समय बढ़ाए जिससे विपक्ष के द्वारा जनहित के उठाए गए मुद्दों पर सरकार की जवाबदेही निर्धारित की जा सके।
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