लगातार दूसरी बार सर्वदलीय बैठक से अनुपस्थित रहे दोनों
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने सर्वदलीय बैठक से किनारा कर लिया। लगातार दूसरी बार सर्वदलीय बैठक से अनुपस्थित रहने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने नाराजगी जताई।
पठानिया ने बुधवार से शुरू होने वाले शीत सत्र से पूर्व तपोवन विधानसभा सचिवालय के अपने कार्यालय कक्ष में मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। कहा कि विधानसभा की परंपरा रही है कि अध्यक्ष सत्र शुरू होने से पूर्व सर्वदलीय बैठक बुलाते रहे हैं। उन्होंने भी सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के नेताओं को बैठक में बुलाया था। सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान तथा उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया बैठक में मौजूद रहे। जबकि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर तथा सदस्य सुखराम चौधरी बैठक में शामिल नहीं हुए।हालांकि, नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा सचिवालय के आग्रह पर बैठक में आने की हामी भरी थी।
लेकिन फिर भी शामिल नहीं हुए। न ही उनके दल का कोई सदस्य बैठक में पहुंचा। विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी बैठक में मौजूद रहे।हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष की इस कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे महज समय की बर्बादी हुई है। वहीं कुलदीप पठानिया ने कहा कि 18 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे सदन में राष्ट्रीय ई- विधान एप्लीकेशन (नेवा) की व्यवस्था का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू करेंगे और हम इसी सत्र से ई–विधान प्रणाली छोड़कर नेवा को अपनाएंगे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में पठानिया ने सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि सभी सदस्य नियमों की परिधि में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को प्रमुखता से उठाएं तथा उस पर सार्थक चर्चा करें। उन्होंने सत्ता पक्ष से अनुरोध किया कि वह सदस्यों को उनकी सूचनाओं का तथ्यों सहित शीघ्र जवाब दे। पठानिया ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि सभी को अपनी बात रखने का मौका देंगे।
उन्होंने आश्वस्त किया कि वह जनहित में उठाए जाने वाले विषयों पर सभी को चर्चा का मौका देने का प्रयास करेंगे। विधानसभा सत्र के दौरान पंद्रह बिल पेश होंगे।उद्योग एवं संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि 20 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में देशभर के वित्त मंत्रियों और 21 दिसंबर जीएसटी काउंसिल की बैठकें हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू वैसे तो तपोवन विधानसभा सत्र में रहेंगे। लेकिन वह इन बैठकों में भाग लेने जा सकते हैं। अगर इन बैठकों में मुख्यमंत्री नहीं जाएंगे तो विपक्ष सवाल उठाएगा कि प्रदेश सरकार प्रदेश हित के मुद्दे नहीं उठा पाई और अगर जाते हैं तो कहेंगे कि मुख्यमंत्री सत्र छोड़कर चले गए। कहा कि वह विस अध्यक्ष से अपील करेंगे कि अगर विपक्ष सर्वदलीय बैठक की परंपरा को नहीं निभाना चाहता तो इस परंपरा को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन के बाहर ड्रामा करना चाहता है और सदन के भीतर लोगों के मुद्दे नहीं उठाना चाहता। अगर वह गंभीर नहीं हैं तो उन्हें सदन में भी नहीं आना चाहिए। सदन को चलाने के लिए कुछ नियम बने हैं, उनका पालन करना पड़ता है। लेकिन विपक्ष सदन में आता है और हंगामा और नारेबाजी कर चला जाता है। उन्हें महज मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए विरोध करना आता है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह विपक्ष को सद्बुद्धि दें और वह सदन में आकर सार्थक चर्चा करें।
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