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वैभव यादव की मौ@त के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश

                                     मृ@त व्यक्ति वैभव के पिता ने डीजीपी हिमाचल को पत्र लिखा 

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू जिले के तोश में हुई वैभव यादव की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं। अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जांच पड़ताल पर संदेह जताते हुए इस पर एसपी और सीबीआई शिमला को तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने डीजीपी को तीन दिन के भीतर मामले से संबंधित सारा रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपने को कहा है। अदालत ने सारे रिकॉर्ड को खंगालते हुए पाया कि मृत व्यक्ति वैभव के पिता ने डीजीपी हिमाचल को पत्र लिखकर बताया था कि उसके बेटे की हत्या की गई है। पुलिस के पास संज्ञेय अपराध घटित होने की सूचना थी। उसके बावजूद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। अदालत के आदेशों की अनुपालना की सुनवाई 3 मार्च 2025 को होगी।अदालत ने प्रधान सचिव गृह को निर्देश दिए हैं कि उन सभी पुलिस अधिकारियों पर जांच बैठाए, जिन्होंने शिकायत मिलने के बाद एफआईआर तक दर्ज नहीं की। 


अदालत ने बताया कि पुलिस अधिकारियों की ये जिम्मेदारी होती है कि जैसे ही शिकायत मिले तुरंत उस को रजिस्टर करें और मामले की छानबीन करें। अदालत ने पाया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की ओर से ललिता कुमारी बनाम यूपी में जारी दिशानिर्देशों की अनुपालना नहीं की गई है। खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पुलिस की जांच पर शक करते हुए सवाल पूछे कि पुलिस को सूचना मिलने के बाद प्राप्त रिकॉर्ड क्यों नही रखा गया और डीडीआर को तुरंत दर्ज क्यों नहीं किया गया। इस पर पुलिस की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।9 दिसंबर 2023 को हरियाणा के चार युवा वैभव यादव, कुशाग्र, शंशाक शर्मा और रितिका मितल हिमाचल के कुल्लू जिला में गांव तोश में घूमने आए थे। वहां पर ये चारों सूरज गेस्ट हाउस में रुके थे। शाम को 7 बजे के बाद वे सब डिनर करने बाहर गए। वैभव यादव की तबीयत ठीक नहीं थी वो अपने एक दोस्त के साथ होटल के कमरे में आया। 


जब उसके दोस्त वापस कमरे में आए तो देखा कि वहां पर वैभव नहीं था। उसके बाद कुशाग्र ने बालकनी से देखा कि वैभव खेत में पड़ा है। वह उसके नजदीक गया और देखा कि उसके नाक और मुंह से खून निकल रहा है। पुलिस सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची। पुलिस को वहां पर हत्या जैसी कोई गुंजाइश की पुख्ता जानकारी नहीं मिली।पुलिस ने 11 दिसंबर को वैभव यादव के शव का पोस्टमार्टम करवाया। उसके बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया। इसके बाद 14 फरवरी 2024 काे वैभव यादव के पिता बलदेव ने हिमाचल प्रदेश के डीजीपी और संबंधित पुलिस थाना कुल्लू को लिखित शिकायत देकर पुलिस की जांच-पड़ताल पर सवाल उठाए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए कि होटल के स्टाफ से कोई जांच नहीं की गई। उन्होंने आईपीएस ट्रेनर विनय यादव पर भी आरोप लगाए कि उसने लोकल पुलिस अधिकारियों के ऊपर प्रभाव बनाया, जिसके चलते मामले में साक्ष्यों और गवाहों के मौके पर बयान दर्ज नहीं किए गए। 6 मार्च 2024 को एसपी कुल्लू ने इस शिकायत पर एएसपी संजीव चौहान को तथ्यों की जांच करने के लिए कहा। मृतक के पिता ने पुलिस की इस कार्रवाई पर संतुष्टि जाहिर नहीं की। 10 जुलाई को हिमाचल हाईकोर्ट को एक पत्र लिखा। इसके यह आपराधिक रिट याचिका दायर की गई।



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