बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश से किसान,बागवान हुए खुश
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
सीजन की पहली बर्फबारी ने जिले की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी, कमरूनाग और शैटाधार धार्मिक स्थलों को सफेद कर दिया है।
करीब तीन माह बाद पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश से किसानों, बागवानों, पर्यटकों समेत देव समाज के लोगों में भारी उत्साह है।शिकारी देवी में 10 सेंटीमीटर और कमरूनाग में पांच सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है। प्रशासन ने कमरूनाग और शिकारी देवी मंदिरों के कपाट पहले ही बंद कर दिए हैं। निचले इलाकों में बारिश से किसान गेहूं की बिजाई की तैयारियों में जुट गए हैं।
सेब बगीचों के लिए इस समय बारिश और बर्फबारी की बेहद जरूरत थी।हल्की बारिश और बर्फबारी के बाद किसान, बागवान जहां खुश हैं वहीं वे और अधिक बारिश-बर्फबारी की उम्मीद कर रहे हैं।उधर, लोक निर्माण विभाग, विद्युत बोर्ड और जलशक्ति विभाग ने बर्फबारी से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी महकमों के उच्चाधिकारियों ने कनिष्ठ अधिकारियों को बर्फबारी से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
एसडीएम लक्ष्मण सिंह कनेट ने लोगों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है। बरोट के मुल्थान के गांव रोलिंग, राजगंधा, कोठी कोढ़, धरमाण, मलाह, भुजलिंग, जधार, कुक्कड़ गुधा में बर्फबारी से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। यहां रविवार रात से हिमपात जारी है। 10 से 12 सेंटीमीटर तक बर्फबारी हो चुकी है। किसान राम सिंह, सीता राम, मंगल सिंह, कृष्ण ने कहा कि बारिश को लेकर वे कई दिनों से देवता से अरदास कर रहे हैं। सीजन की पहली बर्फबारी से सूख रही फसलों में संजीवनी आ गई है।
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