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तिब्बत का मुद्दा लगभग 74 साल से चीन के गले की बना हुआ फांस

                                                 तैनात किए 400 चीनी सैनिक,उतारे हेलिकॉप्टर

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

तिब्बत का मुद्दा लगभग 74 साल से चीन के गले की फांस बना हुआ है। वह इस क्षेत्र पर हमले के बाद 1951 से अपना दावा करता आ रहा है। अब उसने क्षेत्र पर कड़े नियंत्रण के लिए पूर्वी तिब्बत की सरतार काउंटी स्थित दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध अध्ययन केंद्र लारुंग गार बौद्ध अकादमी में 400 सैनिकों की तैनाती करने के साथ ही हेलिकॉप्टर भेजे हैं। 

यह जानकारी केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने तिब्बत से आईं रिपोर्ट के हवाले से दी है।चीन के इस कदम को इस क्षेत्र में चीनी नियंत्रण को और मजबूत करने की रणनीति और अकादमी में धार्मिक गतिविधियों पर सख्त नजर रखने की कोशिश माना जा रहा है। सीटीए के मुताबिक, 20 दिसंबर 2024 को चीनी सैनिकों की तैनाती और हेलिकॉप्टर भेजना इस बात की तरफ इशारा करता है कि चीन यहां सख्त निगरानी करेगा और तिब्बती बौद्ध अध्ययन केंद्र में अपना शिकंजा और कसेगा।लारुंग गार की 1980 में स्थापित किया गया था।


 यह लंबे वक्त से बौद्ध भिक्षुओं का आध्यात्मिकता का केंद्र रहा है। आध्यात्मिक शिक्षा की गहराई में डूब जाने की इच्छा रखने वाले बौद्धों के लिए इसकी खासी अहमियत है। हालांकि, चीनी सरकार इस अकादमी को तिब्बती पहचान और स्वायत्तता के केंद्र तौर पर देखती आ रही है और इस पर लगातार प्रतिबंध लगाती आ रही है। बीते वक्त में भी चीन यहां अपनी दबंगई दिखाता रहा है। चीन ने पिछले दमन में खासतौर से 2016-2017 में हजारों मठवासी आवासों को ध्वस्त करने के साथ ही यहां के कई अभ्यासियों को जबरन बेदखल कर दिया गया था। नतीजन लारुंग गार की आबादी लगभग 10,000 से घटकर आधी हो गई है।


सीटीए के मुताबिक, रिपोर्ट इशारा करती हैं कि चीन लारुंग गार में नए नियम लागू करने की योजना बना रहा है। इनके तहत चीनी सरकार यहां रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों की निवास अवधि पर अंकुश लगाए जाने की तैयारी में है। इसमें यहां रहने का दायरा अधिकतम 15 साल तक सीमित करना शामिल है। इसके अलावा सभी भिक्षुओं और भिक्षुणियों को सरकारी पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके साथ ही यहां धार्मिक अभ्यासियों की कुल संख्या कम होने की उम्मीद है। चीनी छात्रों को लारुंग गार छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। इसे चीन के अकादमी की आबादी को और कम करने की कोशिशों की तरह देखा जा रहा है।


 

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