14 साल से नहीं हुआ लीज का नवीनीकरण
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
लायंस क्लब भवन धर्मशाला में तालाबंदी की नौबत आ चुकी है। पिछले 14 सालों से इस भवन की लीज का ही नवीनीकरण नहीं हुआ है। इस कारण लायंस क्लब के सदस्य असमंजस की स्थिति में हैं।
खास बात यह है कि लायंस भवन के निर्माण के लिए तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा समेत जिला के अन्य कई दानी सज्जनों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार चंदा दिया था।इस भवन में राजनीतिक दलों की बैठकों के अलावा शादी-विवाह समेत अन्य आयोजन होते रहते हैं। लायंस क्लब के गठन के शुरुआती दिनों में क्लब के सदस्यों की बैठकें क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला के परिसर में बने सराय भवन में होती थीं। मगर अस्पताल के विस्तारीकरण के कारण सराय को गिराना पड़ा।
बदले में उपायुक्त कांगड़ा और लायंस क्लब के बीच लीज एग्रीमेंट हुआ।लायंस क्लब को श्यामनगर रोड पर लीज पर 10 साल के लिए जमीन उपलब्ध करवाई गई। 2010 तक 3,600 रुपये वार्षिक लीज शुल्क निर्धारित था। मगर अब सरकार नए सर्किल रेट के अनुसार साढ़े तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष लीज शुल्क लेना चाहती है। वर्ष 2003-04 में यहां बहुमंजिला भवन का निर्माण हुआ। लायंस क्लब स्वरोजगार के लिए महिलाओं को कटिंग-टेलरिंग के प्रशिक्षण और कॅरिअर काउंसलिंग समेत समय-समय पर रक्तदान और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाता रहता है।खास बात यह है कि पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर भी इस क्लब की सदस्य हैं। लायंस भवन की लीज वर्ष 2010 में समाप्त हो चुकी है।
इसके बाद से क्लब के पदाधिकारी लीज अवधि बढ़ाने के लिए कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। बीते 29 अक्तूबर को भी धर्मशाला प्रवास के दौरान क्लब के पदाधिकारी पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिले थे। सीएम ने लीज रिन्यू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए।लायंस क्लब सामाजिक सरोकार के काम करता है। यह क्लब कोई व्यापारिक गतिविधि में शामिल नहीं है, जहां से क्लब को लाभ प्राप्त हो। हमने जमीन के बदले जमीन ली है। पहले धर्मशाला अस्पताल परिसर में लायंस क्लब चलता था, लेकिन अस्पताल निर्माण के दौरान हमारे भवन को गिराया गया और हमें दूसरी जगह जमीन उपलब्ध करवाई गई। अभी मुख्यमंत्री से भी मिले हैं, उन्होंने लीज रिन्यू करने का आश्वासन दिया है।
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