भारत-चीन की सेनाओं के बीच दिवाली पर मिठाइयों का भी आदान-प्रदान
लद्दाख,ब्यूरो रिपोर्ट
भारत और चीन के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है। दोनों ही देशों ने लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सेनाओं को पीछे हटाने के वादे को हाल ही मे पूरा किया। इसी कड़ी में गुरुवार को भारत-चीन की सेनाओं के बीच दिवाली पर मिठाइयों का भी आदान-प्रदान हुआ।
शुक्रवार को दोनों देशों ने सीमाई समझौते का पालन करते हुए गश्त भी शुरू कर दी है। बताया गया है कि अभी दोनो देशों की सेनाओं ने इस गश्त को डेमचोक सेक्टर में शुरू किया है। हालांकि, आने वाले दिनों में देपसांग सेक्टर में भी भारतीय और चीनी सैनिकों की गश्त शुरू हो सकती है।पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटने और गश्त के दोबारा शुरू होने को दोनों देशों के बीच चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
जून 2020 में गलवां घाटी में हुई झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर टकराव की स्थिति थी और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में एलान किया कि पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों के पीछे हटने पर समझौते को अंतिम रूप दिया गया, जो चार साल से चल रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर मुलाकात में इस समझौते को लेकर चर्चा भी हुई थी। मुलाकात में पीएम मोदी ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध वाले इलाकों से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर भारत-चीन में बनी सहमति का स्वागत किया था। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को फिर शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसे 2020 में हुई सैन्य झड़प के बाद प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
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