सरकारी भूमि पर बसे लोगों के मुआवजे पर अभी असमंजस
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
गगल हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के मामले में सरकारी भूमि पर बसे लोगों को लेकर प्रदेश सरकार अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाई है। जहां विस्तारीकरण के प्रभावित क्षेत्रों के लिए लोगों को मुआवजा राशि आवंटित की जा रही है, वहीं सरकारी (शामलात) भूमि पर बसे लोगों के लिए मुआवजा प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
क्योंकि इसे प्रदेश सरकार की अधिसूचना के बाद ही लागू किया जा सकेगा।जानकारी के अनुसार गगल हवाई अड्डे के विस्तार से प्रभावित क्षेत्रों में जुगेहड़, सनौरा, भडौत, भेडी, कियोडी, सनौरा, ढुगियारी के निवासियों में 300 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का वितरण शुरू हो गया है। जिला प्रशासन पहले चरण में 34 करोड़ रुपये की राशि प्रभावितों में बांट चुकी है, जबकि सोमवार से दूसरी किस्त के रूप में 126 करोड़ रुपये वितरित किए जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
इसमें रछियालू मुहाल से मुआवजा वितरण की प्रक्रिया आरंभ होगी।गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के तहत 14 गांवों की 147.7587 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हो रही है। इसमें 25.1064 हेक्टेयर सरकारी भूमि भी शामिल है। इस सरकारी भूमि पर कुछ लोगों के आवासीय और व्यवसायिक भवन भी बने हुए हैं। इन भवनों के मालिकों के लिए मुआवजा देने की बात तो सरकार ने कही है, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई स्पष्ट अधिसूचना जारी नहीं की गई है।एसडीएम कांगड़ा, इशांत जसवाल ने बताया कि सरकारी भूमि पर बने भवनों के मुआवजे के लिए राज्य सरकार की अधिसूचना का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही यह अधिसूचना जारी होगी, मुआवजा प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
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